newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Goa: ममता को लगा बड़ा झटका, 3 महीने में छोड़ा नेता ने TMC का साथ, कहा दीदी को पहचान गया…

Goa: तीन महीने पहले ही कांग्रेस से रूखसत होकर टीएमसी का दामन थामने वाले लावू मामलेदार ने महज तीन महीने में ही ममता बनर्जी से मोह भंग हो गया है और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। चलिए, बात अगर इ्स्तीफे तक ही सीमित रहती थी, तो ये खबर आज उतनी चर्चा में नहीं होती जितनी की आज है।

नई दिल्ली। गोवा में अगले साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी ने जोर आजमाइश तेज कर दी है। एक तरफ जहां पार्टी के नेता एक दूसरे पर जुबानी हमले कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ एक पार्टी के नेता अपना पाला बदलकर दूसरी पार्टी से जुड़ रहे हैं। गोवा चुनाव के लिए बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी प्रचार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। अब तो चुनाव लड़ने के लिए दीदी ने कांग्रेस से भी पंगा ले लिया। वहीं राजनीतिक मित्र अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को भी नाखुश कर दिया है। इन सभी सियासी उथलपुथल के बीच अभी तीन महीने पहले ही कांग्रेस से रूखसत होकर टीएमसी का दामन थामने वाले लावू मामलेदार का महज तीन महीने में ही ममता बनर्जी से मोह भंग हो गया है और उन्होंने टीएमसी से इस्तीफा दे दिया। चलिए, बात अगर इ्स्तीफे तक ही सीमित रहती, तो ये खबर आज उतनी चर्चा में नहीं होती, जितनी की आज है। वो इसलिए, क्योंकि लालू मामलेदार ने टीएमसी से रूखसत होने के साथ ही साथ ममता के सिर पर सांप्रदायिकवाद का ताज पहना दिया है। उन्होंने साफ कह दिया कि जब  वो पार्टी में आए थे, तो उन्हें लगा था कि टीएमसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी होगी।

tmc

उनको ऐसा भ्रम था कि वो शायद टीएमसी की नौका पर सवार होकर समाज के सभी वर्गों के सर्वांगीन विकास की दिशा में अपना उल्लेखनीय योगदान दे पाएंगे, लेकिन नहीं, पिछले तीन माह में पार्टी में रहते हुए उन्होंने जो देखा, जो समझा, जो परखा, उसके बिनाह पर तो अब टीएमसी को धर्मनिरपेक्ष पार्टी समझने का उनका भ्रम अब धराशायी हो चुका है। लालू मामलेदार का कहना है कि दीदी धर्मनिरपेक्षता के नाम पर महज ढकोसला करती है, बल्कि उनका वास्तविकता से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने ममता बनर्जी की पोल खोलते हुए कहा कि ममता बनर्जी गोवा में वोटों का ध्रुवीकरण कराने हेतु हिंदुओं और ईसाइयों के बीच दरार पैदा करना चाह रही है। लिहाजा, मामलेदार का कहना है कि वो ऐसी सांपद्रायिक पार्टी में एक मिनट भी रहना पसंद नहीं करेंगे, लिहाजा अब उन्होंने महज तीन माह में पार्टी  से रूखसत होने का फैसला किया है। फिलहाल, उनके इस आरोपों पर टीएमसी के किसी भी नेता ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब ऐसे में देखना होगा दीदी की इसे लेकर क्या प्रतिक्रिया आती है।

GOA

गौरतलब है कि बीतों दिनों टीएमसी ने गोवा की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके साथ ममता ने बंगाल की खाड़ी से अरब सागर के तट तक ताबड़तोड़ दौरे किए। लेकिन, शुक्रवार को गोवा में ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। दरअसल तीन महीने पहले पार्टी में शामिल होने वाले सबसे पहले नेताओं में से एक ने ना सिर्फ उससे इस्तीफा दे दिया है, बल्कि उसपर गोवा के धर्मनिर्पेक्ष ताने-बाने को बिगाड़ने का आरोप लगाया है और सांप्रदायिक पार्टी करार दिया है।