
नई दिल्ली। क्या पंचायत चुनाव में सबकुछ जीत कर भी हारने वाली हैं ममता दीदी? दो सीटों पर मिली हार, हजारों सीटों की जीत पर कैसे पड़ रही है भारी? अपने मामा के घर ही जनता ने क्यों ममता की उम्मीदों पर फेर दिया पानी? पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में एक तरफ जहां कांग्रेस की हालत खराब हो गई है, वहीं बीजेपी ने ममता बनर्जी के गढ़ में सेंध लगा ली है। हालाँकि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पंचायत चुनावों में महत्वपूर्ण जीत का अनुभव कर रही है, फिर भी वह इस चुनाव की दो हारों पर अफसोस करेगी।
कारण है कि ममता बनर्जी के मामा का घर बीरभूम जिले के रामपुरहाट ब्लॉक के कुसुंबा गांव में स्थित है। इस गांव की दो सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार जीते हैं, जबकि एक सीट पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मामा के घर के बूथ पर बीजेपी की जीत ने पार्टी में जोश भर दिया है।
इस गांव में बूथ नंबर 31 पर ममता बनर्जी का मामा का परिवार रहता है। इस बूथ पर बीजेपी उम्मीदवार अर्चना हाजरा ने जीत हासिल की, जबकि तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह इसी गांव के बूथ संख्या 32 पर भी भाजपा प्रत्याशी गंगाधर हाजरा विजयी रहे. इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार गौतम लेट को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, दूसरे बूथ पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार आदित्य दत्ता ने जीत हासिल की। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मामा का घर रामपुरहाट के कुसुंबा गांव में है। ममता बनर्जी के भाषणों में रामपुरहाट के कुसुंबा की कहानी कई बार सामने आई है।
मुख्यमंत्री के बचपन की यादें इस गांव के आसपास कई बार सुनने को मिली हैं। वह बचपन में अक्सर इस गांव में आया करती थीं। हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान कुसुंबा का दौरा किया था। हालाँकि, यह गाँव तृणमूल सुप्रीमो की बचपन की यादों से गहराई से जुड़ा हुआ है, लेकिन पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में यहां तृणमूल कांग्रेस के लिए कोई खास फायदा नहीं हुआ।
रामपुरहाट विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल की जीत के बावजूद, कुसुम्बा पंचायत में भाजपा विजयी रही। टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय ने भी लोकसभा चुनाव जीता, लेकिन कुसुंबा में बीजेपी का उम्मीदवार विजयी रहा। बता दें कि राज्य में पंचायत चुनाव की मतगणना चल रही है। वोटों की गिनती में टीएमसी आगे चल रही है। ग्राम पंचायत की लगभग 15,000 सीटों पर टीएमसी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मामा के बूथ पर तृणमूल कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। इस नतीजे से ममता बनर्जी काफी निराश होंगी।