West Bengal: ममता ने कहा था नंदीग्राम में हुई थी काउंटिंग में धांधली, चुनाव आयोग ने दिया झटका कहा- सुवेंदु ही जीत के ‘अधिकारी’

West Bengal: चुनाव आयोग ने मीडिया में आई उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है जिनमें कहा गया है कि नंदीग्राम में दोबारा काउंटिंग होगी। आयोग ने कहा है कि किसी विधानसभा क्षेत्र में रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) आरपी एक्ट, 1951 के तहत अर्ध-न्यायिक क्षमता में स्वतंत्र रूप से और चुनाव आयोग के गाइडलाइंस के आधार पर अपने काम को अंजाम देते हैं।

Avatar Written by: May 4, 2021 6:18 pm
Mamata and Suvendu Adhikari

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम सीट से हार के बाद टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को एक और बड़ा झटका लगा है। अपने पूर्व सहयोगी सुवेंदु अधिकारी से नजदीकी मुकाबले में हार के बाद वोटों की दोबारा गिनती की उनकी मांग को खारिज कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर का फैसला अंतिम है और इसे केवल हाई कोर्ट में ही चुनौती दी जा सकती है। इस बीच नंदीग्राम में आरओ रहे अधिकारी को सुरक्षा प्रदान की गई है। चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी की ओर से लगाए गए मतगणना में गड़बड़ी के आरोपों को भी खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा है कि सभी काउंटिंग टेबल पर एक माइक्रो ऑब्जर्वर था और उन्होंने अपनी रिपोर्ट्स में किसी तरह की गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं दिया है। सभी राउंड के बाद आरओ ने सभी प्रत्याशियों को मिले वोट की संख्या की एंट्री की थी और इसे डिस्पले बोर्ड पर दर्शाया गया था, जिसे काउंटिंग एजेंट आसानी से देख सकते थे। पूरी काउंटिंग प्रक्रिया के दौरान किसी ने कोई शंका नहीं जाहिर की थी और पूरी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के चली। हर राउंड के बाद सभी एजेंट को रिजल्ट की कॉपी दी जा रही थी।

election commission of india

चुनाव आयोग ने मीडिया में आई उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है जिनमें कहा गया है कि नंदीग्राम में दोबारा काउंटिंग होगी। आयोग ने कहा है कि किसी विधानसभा क्षेत्र में रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) आरपी एक्ट, 1951 के तहत अर्ध-न्यायिक क्षमता में स्वतंत्र रूप से और चुनाव आयोग के गाइडलाइंस के आधार पर अपने काम को अंजाम देते हैं।

Suvendhu Adhikar and mamata

चुनाव आयोग ने कहा है कि नियम के आधार पर यदि दोबारा गिनती की मांग की जाती है तो रिटर्निंग ऑफिसर उसे स्वीकार कर सकते हैं या असंगत लगने पर खारिज कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि आरओ के फैसले को आरपी एक्ट 1951 की धारा 80 के तहत चुनाव याचिका के जरिए ही चुनौती दी जा सकती है।

चुनाव आयोग ने मंगलवार को जारी बयान में कहा, ”नंदीग्राम में गिनती खत्म होने के बाद एक प्रत्याशी के इलेक्शन एजेंट ने दोबारा मतगणना की मांग की थी जिसे आरओ ने अपने सामने मौजूद तथ्यों को देखते हुए मौखिक आदेश में खारिज कर दिया। इसके बाद परिणाम की घोषणा की गई थी। ऐसे मामले में अब हाई कोर्ट में ईपी दायर करने का ही विकल्प बचता है।

चुनाव आयोग ने कहा है कि नंदीग्राम के आरओ पर दबाव को लेकर आई मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को 3 मई को आदेश दिया गया कि RO को पर्याप्त सुरक्षा दी जाए। राज्य सरकार ने उन्हें सुरक्षा प्रदान कर दी है। आयोग ने पश्चिम बंगाल के सीईओ को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी चुनाव रिकॉर्ड्स को सुरक्षित रखा जाए।