नई दिल्ली। त्रिपुरा में नई सरकार का गठन हो गया है। राज्य में माणिक साहा ने लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए माणिक साहा के इस शपथग्रहण (Manik Saha Swearing In Ceremony) समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेंत गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सामिल हुए। इसके अलावा भाजपा के कई दिग्गद भी कार्यक्रम के दर्शक बनें।
त्रिपुरा: माणिक साहा ने अगरतला स्वामी विवेकानंद मैदान में लगातार दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल रहे। pic.twitter.com/c60ywhKhd9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 8, 2023
त्रिपुरा के लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पर काबिज हुए माणिक साहा का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि माणिक साहा डेंटिस्ट से राजनेता बने हैं। तो चलिए बताते हैं आपको माणिक साहा के डेंटिस्ट से राजनेता बनने का सफर के बारे में…
त्रिपुरा: रतन लाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, सनातन चकमा और सुशांत चौधरी ने अगरतला में त्रिपुरा के मंत्रियों के रूप में शपथ ली। pic.twitter.com/SYckNIRy2d
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पेशे से डेंटिस्ट हैं त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा
त्रिपुरा के लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने माणिक साहा की बात करें तो वो पेशे से एक डेंटिस्ट है जो कि लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से पढ़ें हैं। किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज को अब किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है। डेंटिस्ट के अलावा वो एक बेहतर खिलाड़ी भी हैं और त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर भी विराजित रह चुके हैं।
माणिक साहा का भारतीय जनता पार्टी संग राजनीतिक सफर साल 2016 में शुरू हुआ था। उस वक्त 2018 में बीजेपी की सरकार बनी और तो मुख्यमंत्री के तौर पर बिप्लब देव को चुना गया। बिप्लब देव ही त्रिपुरा बीजेपी के अध्यक्ष भी थे। 2 साल बाद 2020 में मणिक साहा को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चुना गया। इसके बाद उन्होंने संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में कई कार्य किए लेकिन उस वक्त सब हैरान रह गए जब बीजेपी ने त्रिपुरा में माणिक साहा को विप्लव देव की जगह मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया।
माणिक साहा को मुख्यमंत्री बनाने की वजह 2023 के चुनाव थे जिसमें भारतीय जनता पार्टी किसी तरह का कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती थी। ऐसे में भाजपा ने उस चेहरे पर दांव लगाया है जो कि सबका चहेता था। बीजेपी ने मणिकर शाह पर दांव लगाया जो कि सफल भी रहा। ये कदम भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी फायदेमंद रहा। है भारतीय जनता पार्टी से पहले माणिक साहा कांग्रेस में थे लेकिन भाजपा में आना उनके और भाजपा दोनों के लिए फायदेमंद रहा…