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Rahul Gandhi: ‘मणिपुर के घाव को भरने में समय लगेगा’, केरल में बोले राहुल गांधी

Rahul Gandhi: राहुल ने कहा कि मणिपुर को जो घाव मिले हैं, उसे भरने में वर्षों लगेंगे। यह दुख और गुस्सा आसानी से जाने वाला नहीं है। इसका परिणाम आगामी दिनों में देखने को मिलेगा। ये लोग नफरतवादी राजनीति करने में जुटे हुए हैं। बता दें कि पिछले तीन माह से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है।

नई दिल्ली। केरल के कोझीकोड में जनसभा को संबोधित करने के क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि मणिपुर पिछले तीन माह से हिंसा की आग में झुलस रहा है, लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि हमारे देश के प्रधानमंत्री इस गंभीर विषय पर भाषण देते समय संसद में हंस रहे थे। कांग्रेस नेता ने कहा कि मौजूदा सरकार ने मणिपुर के दो टुकड़े कर दिए हैं। मैं मणिपुर गया था। वहां के दृश्य से दिल विचलित हो गया और मैं आपको कह सकता हूं कि मणिपुर को मिला दर्द और पीड़ा आसानी से जाने वाला नहीं है। इसे सही होने में समय लगेगा। वहां हिंसा और महिलाओं के साथ अत्याचार और बलात्कार जारी है। राहुल ने कहा कि मैं बीते दिनों मणिपुर गया था तो वहां के बर्बादी के मंजर को देखकर मेरी रूह कांप गई। लोगों की व्यथाएं सुनकर मेरी रूह कांप गई, लेकिन अफसोस सरकार मौन है। अब यह सरकार अपने राजनीतिक हित के लिए विभाजनकारी नीतियां लागू करने पर आमादा हो चुकी है।

राहुल ने कहा कि मणिपुर को जो घाव मिले हैं, उसे भरने में वर्षों लगेंगे। यह दुख और गुस्सा आसानी से जाने वाला नहीं है। इसका परिणाम आगामी दिनों में देखने को मिलेगा। ये लोग नफरतवादी राजनीति करने में जुटे हुए हैं। बता दें कि पिछले तीन माह से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है। सैकड़ों लोग इस हिंसा की जद में आकर अपनी जान गंवा चुके है, तो कई घायल हो चुके हैं। बीते दिनों हिंसाग्रस्त राज्य से एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कुछ पुरुष दो महिलाओं को नग्न कर उनसे परेड कराते हुए नजर आए थे, जिसके बाद देशभर में इसके खिलाफ गुस्सा देखने को मिला था। पीएम मोदी ने भी पूरे मामले पर दुख व्यक्त कर कहा था कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई, लेकिन संख्याबल के अभाव में यह गिर गया। ध्यान दें कि इससे पहले साल 2018 में भी विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, लेकिन उस वक्त भी संख्याबल के अभाव में यह गिर गया था। वहीं, इस बार पीएम मोदी ने साल 2023 में विपक्षियों को पूरी तैयारी के साथ अविश्वास प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया है। वहीं, राहुल गांधी की बात करें, तो वो संसद बहाली के बाद पहली बार वायनाड पहुंचे हैं, जहां उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित करने के क्रम में मुख्तलिफ मुद्दों पर अपनी बात रखी।