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Bihar: शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर बरसे मांझी, कह दी ऐसी बात, जानिए पूरा माजरा

Bihar: बीते दिनों जब बिहार विधानसभा में आरक्षण विधेयक पर मीन-मेख निकालने के लिए जीतनराम मांझी खड़े हुए थे, तो नीतीश कुमार ने यकायक खड़े होकर उन्हें भरी सभा में जलील किया था। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने उनके साथ तू-तड़ाक वाली भाषा का भी इस्तेमाल किया था।

नई दिल्ली। यूं तो शराबबंदी बिहार ही नहीं, बल्कि समस्त देश में बड़ा सियासी मसला है, लेकिन कोई गुरेज नहीं यह कहने में कि पिछले कुछ वर्षों में शराबबंदी का मसला बिहार की राजनीति में काफी हावी रहा है। शराबबंदी नीतीश सरकार के लिए हथियार बना, जिसके जरिए उन्होंने अपनी सियासी बिसात भी बिछाई। आपको बता दें कि बिहार में शराबबंदी लागू है। अगर कोई शराब पीते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ आर्थिक जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन वो और बात है कि कई मौकों पर बिहार में खुले में शराब पीने के मामले सामने आते रहे हैं, जिसे लेकर बीजेपी ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया है। वहीं, अब इस पूरे मामले में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी ने शराबबंदी का जिक्र कर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है?

jitan ram manjhi and nitish kumar

आपको बता दें कि हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने शराबबंदी का जिक्र कर नीतीश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि 100-100 चूहे खाकर भी बिल्ली हज को गई। पहले तो इन्होंने साल 2005 से लेकर 2015 तक शराब बेचने का लाइसेंस दे दिया और अब ये लोग शराबबंदी करने का नाटक कर रहे हैं। जीतनराम मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून की आड़ में नीतीश सरकार अनुसूचित जाति के लोगों को परेशान कर रही है, क्योंकि शराबबंदी के अधिकांश मामले में अनुसूचित जाति से सामने आ रहे हैं। सरकार को शराबबंदी के मामल में सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति के लोगों को परेशान कर रही है, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है। मांझी ने कहा कि पहले जुर्माने के रूप में 3 हजार रुपए का जुर्माना कागजों पर दिखाया जाता है, लेकिन बाद में 7 से 8 हजार रुपए की भारी भरकम वसूली जाती है, जो कि बिहार में अनुसूचित जाति के वर्ग के किसी भी व्यक्ति के लिए काफी बड़ी है।

सनद रहे कि बीते दिनों जब बिहार विधानसभा में आरक्षण विधेयक पर मीन-मेख निकालने के लिए जीतनराम मांझी खड़े हुए थे, तो नीतीश कुमार ने यकायक खड़े होकर उन्हें भरी सभा में जलील किया था। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने उनके साथ तू-तड़ाक वाली भाषा का भी इस्तेमाल किया था। जिसके विरोध में मांझी ने गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया था, तो कुल मिलाकर बिहार में अभी कई मसलों को लेकर सियासी चर्चा का बाजार गुलजार है। अब ऐसे में आगामी दिनों में बिहार की राजनीति क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम छोटी बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम