
पुरी। ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के पास रविवार सुबह 4 बजे भगदड़ होने से 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। भगदड़ की इस घटना में तमाम श्रद्धालु घायल बताए जा रहे हैं। इनमें से कई की हालत गंभीर है। घायलों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है। जानकारी के मुताबिक भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ गुंडिचा मंदिर के पास थे। वहां, तीनों के दर्शन के लिए बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ी थी। जब रथ पास पहुंचे, तो लोग उनकी तरफ तेजी से बढ़े और उसी दौरान भगदड़ मच गई। भीड़ के दबाव में कई लोग नीचे गिरने से कुचले गए।
#WATCH | Odisha: A stampede has been reported during the Rath Yatra in Puri. Further details are awaited.
(Visuals from outside the post-mortem centre in Puri) pic.twitter.com/4mOTnE6QTe
— ANI (@ANI) June 29, 2025
पुरी में हुई भगदड़ में मृतकों में 2 महिलाएं और एक पुरुष हैं। मृतक महिलाओं के नाम प्रभाती दास और बासंती साहू हैं। इनके अलावा 70 साल के प्रेमकांत मोहंती की भी भगदड़ में मौत हुई। ये सभी ओडिशा के ही खुर्दा जिले के निवासी थे। पुरी में हर साल भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथयात्रा निकाली जाती है। देश के अलावा विदेश से भी लाखों श्रद्धालु रथयात्रा में शामिल होने आते हैं। रथयात्रा में तीनों देवताओं को रथों पर बिठाकर जगन्नाथ मंदिर से श्री गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है। जहां कुछ दिन रहने के बाद भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को वापस श्री जगन्नाथ मंदिर लाया जाता है।
🚨 BREAKING:
Tragedy strikes at #JagannathRathYatra in Puri, Odisha — 3 people have died and at least 10 injured in a stampede near Gundicha Temple.
What was meant to be a sacred celebration turned into chaos.💔 Heartfelt prayers for the families of the victims. pic.twitter.com/nNC43uSw35
— Sarcasm Scoop (@sarcasm_scoop) June 29, 2025
इस साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा 27 जून को शुरू हुई थी और अब ये श्री गुंडिचा मंदिर पहुंची है। मान्यता है कि देवी गुंडिचा ओडिशा के राजा की पत्नी थीं। कहा जाता है कि उनके भक्तिभाव और सेवा को देख भगवान जगन्नाथ ने प्रकट होकर उनसे कहा था कि कोई मां ही अपने बच्चे की इतनी सेवा कर सकती है। इसके बाद उन्होंने देवी गुंडिचा को अपनी मौसी माना। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ ने देवी गुंडिचा से कहा था कि वो हर साल उनसे मिलने आएंगे। इसे ही पूरा करने के लिए हर साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है।