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Bangladeshi Terrorists Are Planning To Infiltrate Into India : बांग्लादेश की जेल से भागे कई आतंकी भारत में करना चाहते हैं घुसपैठ

Bangladeshi Terrorists Are Planning To Infiltrate Into India : खुफिया एजेंसियों ने इस संबंध में अलर्ट जारी किया है जिसके बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की सभी यूनिट्स चौकन्नी हो गई हैं। इससे पहले कल ही पंचगढ़ जिले के विभिन्न गांवों से लगभग 500 बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत में घुसने की कोशिश की थी जिनको बीएसएफ ने रोक दिया था।

नई दिल्ली। बांग्लादेश में तख्तापलट और हिंसा के बीच आतंकवादी भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी में यह दावा किया गया है। वहीं बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) की तमाम यूनिट्स को एलर्ट मोड पर रखा गया है। खुफिया एजेंसियों ने यह दावा किया है कि बांग्लादेश में मौजूदा हालात का फायदा उठाकर की जेल में बंद कई कैदी भाग गए हैं। इन कैदियों में आतंकी घटनाओं में शामिल लोग भी हैं। अब ये लोग बांग्लादेश छोड़कर भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं।

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सुरक्षा एजेंसियों ने बताया है कि जेल से भागने वाले कैदियों में बांग्लादेश के प्रतिबंधित इस्लामी आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारूल्लाह बांग टीम (एबीटी) के आतंकवादी भी शामिल हैं। मौके का फायदा उठाकर यह लोग भीड़ का हिस्सा बनकर भारत की सीमा में दाखिल होना चाहते हैं। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी इस अलर्ट के बाद बीएसएफ के जवान चौकन्ने हो गए हैं और भारत-बांग्लादेश की सीमा पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। आपको बता दें कि कल ही पंचगढ़ जिले के विभिन्न गांवों से लगभग 500 बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत में घुसने की कोशिश की थी। हालांकि, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के पास बॉर्डर पर बांग्लादेशी नागरिकों को रोक दिया था।

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इससे पहले पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में चंगराबांधा इमिग्रेशन चेक प्वाइंट पर एक बांग्लादेशी जोड़े को फर्जी दस्तावेजों के साथ भारत में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था। आपको बता दें कि बांग्लादेश में आज अंतरिम सरकार का गठन होना है। नोबल पुरस्कार से सम्मानित मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में 15 सदस्यीय दल सरकार का कामकाज देखेगा। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं और आगे की रणनीति के बारे में विचार कर रही हैं। उनके सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती इस बात की है कि कौन सा देश उनको शरण देने को राजी होगा।