
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब 6 अगस्त को उप राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होनी है। इससे ठीक पहले टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के लिए विपक्ष की उम्मीदवार और कांग्रेस की नेता मारग्रेट अल्वा ने ऐसी बात कह दी है, जिससे ममता का गुस्सा और भड़क सकता है। मारग्रेट अल्वा ने शुक्रवार को कहा कि वोटिंग से दूर रहने का टीएमसी का फैसला काफी निराशाजनक है। ये किसी बात, अहंकार और गुस्सा करने का वक्त नहीं है। ये वक्त साहस, नेतृत्व और एकता का है। मारग्रेट ने उम्मीद जताई कि ममता बनर्जी इस चुनाव में विपक्ष के साथ खड़ी रहेंगी। मारग्रेट ने जिस अहंकार की बात कही है, उससे ममता का पारा उल्टे और चढ़ सकता है।
The TMC’s decision to abstain from voting in the VP election is disappointing. This isn’t the time for ‘whataboutery’, ego or anger. This is the time for courage, leadership & unity. I believe, @MamataOfficial , who is the epitome of courage, will stand with the opposition.
— Margaret Alva (@alva_margaret) July 22, 2022
बता दें कि गुरुवार को ममता के भतीजे और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि पार्टी के सभी सांसदों के साथ मीटिंग के बाद तय हुआ कि टीएमसी किसी सूरत में उप राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं देगी। अभिषेक ने कहा था कि ये कहा जा रहा है कि हमारे वोट न देने से विपक्ष को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। गणित के लिहाज से देखें तो टीएमसी के वोट न देने से न तो विपक्ष का नुकसान होगा और न ही बीजेपी या एनडीए को फायदा। उन्होंने कहा कि गणित के हिसाब से तो वैसे ही एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की जीत तय है। अभिषेक ने ये भी कहा था कि प्रत्याशी तय करते वक्त हमसे बात नहीं की गई।
उधर, एक खबर ये भी है कि ममता दरअसल पीडीपी की चीफ और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में विपक्ष का उम्मीदवार बनाना चाहती थीं, लेकिन कांग्रेस ने यशवंत सिन्हा का हाल देखकर इस पद के लिए मारग्रेट अल्वा को प्रत्याशी बनवा दिया। मारग्रेट का नाम एनसीपी चीफ शरद पवार ने आगे किया था। बस इसी वजह से ममता का पारा चढ़ गया।