नई दिल्ली। देश में आज शहीद दिवस (Martyrs Day) मनाया जा रहा है। इस दौरान लोग वीर जवानों को याद कर रहे हैं। आज ही के दिन साल 1931 में अंग्रेजी सरकार ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी के फंदे पर लटका दिया था। इसके बाद से 23 मार्च की तारीख हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। तभी से हर 23 मार्च को देशभर में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है।
पीएम मोदी ने लिखा,”आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन। मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। जय हिंद! #ShaheedDiwas”
आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन। मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। जय हिंद! #ShaheedDiwas pic.twitter.com/qs3SqAHkO9
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2021
अमित शाह ने लिखा, ”स्वतंत्रता के इतिहास में शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की वीरता व योगदान को शब्दों में वर्णित करना सम्भव नहीं है। देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करने की उनकी तड़प और बलिदान को याद कर आज भी हर भारतवासी की आंखें नम हो जाती हैं। ऐसे वीर बलिदानियों के चरणों में कोटिशः नमन।”
स्वतंत्रता के इतिहास में शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की वीरता व योगदान को शब्दों में वर्णित करना सम्भव नहीं है। देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करने की उनकी तड़प और बलिदान को याद कर आज भी हर भारतवासी की आँखें नम हो जाती हैं।
ऐसे वीर बलिदानियों के चरणों में कोटिशः नमन। pic.twitter.com/3tFd2qIqHF
— Amit Shah (@AmitShah) March 23, 2021
जेपी नड्डा ने लिखा, ”भारत मां के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहीद दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। मां भारती के इन वीर सपूतों की शहादत ने करोड़ों युवाओं को स्वाधीनता आंदोलन के लिए प्रेरित किया। इनका सर्वोच्च बलिदान भारतीय इतिहास में सदैव अमर रहेगा।”
भारत माँ के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहीद दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। मां भारती के इन वीर सपूतों की शहादत ने करोड़ों युवाओं को स्वाधीनता आंदोलन के लिए प्रेरित किया। इनका सर्वोच्च बलिदान भारतीय इतिहास में सदैव अमर रहेगा। pic.twitter.com/QvfsDI7lvV
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) March 23, 2021
आपको बता दें कि आजादी के लड़ाई के दौरान जब ‘पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिल’ के खिलाफ भगत सिंह और उनके साथियों ने असेंबली में बम फेंके थे, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इसी आरोप में उन्हें और साथियों को तय वक्त से एक दिन पहले 23 मार्च को फांसी की सजा सुनाई गई थी।