
नई दिल्ली। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट देने का दावा किया है। उनका कहना है कि जिंदगी में पहली बार मैंने बीजेपी को वोट दिया है। मैं चाहता हूं कि दिल्ली में बीजेपी की जीत हो। मौलाना रशीदी का कहना है कि उन्होंने अपना वीडियो इसलिए वायरल किया है क्योंकि बीजेपी के नाम पर मुसलमानों को डराया जाता है और विपक्षी दल कहते हैं कि मुसलमान बीजेपी को हराने के लिए वोट देते हैं। मुसलमानों के मन में यह बात बैठा दी गई है कि बीजेपी को हराओ नहीं तो अगर वो सत्ता में आए तो मुसलमानों के अधिकार छीन लिए जाएंगे। मैंने मुसलमानों के मन से उस डर को दूर करने के लिए बीजेपी को वोट दिया है।
#WATCH | Delhi | All India Imam Association (AIIA) President Moulana Sajid Rashidi says, “I have voted for the BJP (in Delhi elections) and made my video viral as fear is induced in Muslims in the name of BJP and the opposition parties say that Muslims do not vote for the BJP.… pic.twitter.com/YenX0KkWhW
— ANI (@ANI) February 6, 2025
मौलाना रशीद ने कहा कि अगर दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनी तो मैं मुसलमानों को दिखाऊंगा और बताऊंगा कि पांच साल मेरा कौन सा अधिकार बीजेपी ने छीन लिया है। हालांकि उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि मैं बीजेपी में शामिल हो गया हूं या मैंने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। अगर उनकी कोई नीति मुसलमानों के खिलाफ जाती है, तो मैं उसका विरोध करूंगा। मुझे धमकियां मिल रही हैं और आरोप लगाया जा रहा है कि मैं बीजेपी के हाथों बिक गया हूं। ऐसा कुछ भी नहीं है, मेरे खिलाफ कोई भी मामला नहीं है। मेरा एकमात्र उद्देश्य मुसलमानों के दिल और दिमाग से उस डर को दूर करना है।
Sajid Rashidi of All India Imam Association says he voted for the BJP in the Delhi Assembly election. This is not an isolated instance, and the so called ‘secular’ parties should be worried if Muslims also start supporting the BJP in a big way. pic.twitter.com/fpykLB7I54
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 5, 2025
वहीं बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने भी अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर मौलाना रशीदी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, मौलाना रशीदी का कहना है कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट दिया। यह कोई अकेला उदाहरण नहीं है, और अगर मुसलमान भी बड़े पैमाने पर बीजेपी का समर्थन करना शुरू कर दें तो तथाकथित ‘धर्मनिरपेक्ष’ पार्टियों को चिंतित होना चाहिए।