नई दिल्ली। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है, जिसमें शामिल होने के बाबत अनेकों गणमान्यों को केंद्र सरकार की ओर से न्योता भेजा जा चुका है, जिसे कुछ लोग सहर्ष स्वीकार कर चुके हैं, तो वहीं कुछ लोग ठुकरा भी चुके हैं। वहीं, बीते दिनों राहुल गांधी ने अपने दिए एक बयान में स्पष्ट कर दिया था कि बीजेपी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील करके रख दिया है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने इस कार्यक्रम में ना शामिल होने का पैसला किया है, लेकिन अगर इसके बावजूद भी कोई इसमें शामिल होना चाहता है, तो वो हो सकता है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है।
उधर, इससे पहले पीएम मोदी ने भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर हो रही सियासत पर नाराजगी जाहिर की थी। बहरहाल, राम मंदिर को लेकर हो रही मौजूदा राजनीति का आगामी दिनों में देश की राजनीति में क्या कुछ असर पड़ता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले आपको इससे जुड़ी एक बड़ी खबर के बारे में विस्तार से बताते हैं।
दरअसल, योगी आदित्यनाथ सरकार ने 22 जनवरी को राज्य में मांस, मछली सहित किसी भी प्रकार के मांसाहारी पदार्थ की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने का फैसला किया है। इस फैसले के संदर्भ में प्रदेश सरकार की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है, जिसमें इस फैसले के पीछे की वजह के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
आपको बता दें कि आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है। जिसमें पीएम मोदी, सीएम योगी सहित राजनीतिक क्षेत्र के तमाम दिग्गज शामिल होंगे। वहीं, बीते दिनों इंडिया गठबंधन ने राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल होने के बाबत भेजे गए न्योते को ठुकरा दिया था, जिस पर बीजेपी ने निशाना भी साधा था। बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने कांग्रेस को मौसमी हिंदू बताया था। फिलहाल, देशभर के राम भक्तों को उस पल का इंतजार है, जब अयोध्या में पीएम मोदी के हाथों राम मंदिर का उद्घाटन होगा।