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Medha Patkar Sentenced To 5 Months Jail : मेधा पाटकर को 5 महीने जेल की सजा, 10 लाख का जुर्माना, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने 2001 में दर्ज कराया था आपराधिक मानहानि केस

Medha Patkar Sentenced To 5 Months Jail : एलजी वीके सक्सेना के वकील ने कहा कि उन्हें कोई मुआवजा नहीं चाहिए। वो मुआवजे की रकम को दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को दे देंगे। इस पर अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता को मुआवजा दिया जाएगा, फिर वो अपनी इच्छानुसार इसका जो चाहें वो कर सकते हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा साल 2001 में दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि मामले में सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 5 महीने जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने पाटकर को आदेश दिया है कि वो 10 लाख रुपए बतौर मुआवजा वीके सक्सेना को दें। इससे पहले 24 मई को अदालत ने मेधा पाटकर को दोषी करार दिया था।

अदालत ने मेधा पाटकर के वकील की ओर से उनकी उम्र को लेकर दी गई दलील को खारिज करते हुए कारावास की सजा सुनाई। हालांकि अदालत ने पाटकर को फौरी राहत देते हुए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 389(3) के तहत उनकी सजा को 1 अगस्त तक निलंबित कर दिया है ताकि वह आदेश के खिलाफ अपील कर सके। वहीं, एलजी वीके सक्सेना के वकील ने कहा कि उन्हें कोई मुआवजा नहीं चाहिए। वो मुआवजे की रकम को दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को दे देंगे। इस पर अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता को मुआवजा दिया जाएगा, फिर वो अपनी इच्छानुसार इसका जो चाहें वो कर सकते हैं।

मेधा पाटकर ने 25 नवंबर 2000 को “देशभक्त का असली चेहरा” शीर्षक वाले एक प्रेस नोट में कहा था कि वीके सक्सेना देशभक्त नहीं कायर हैं। इसके अलावा पाटकर ने सक्सेना पर हवाला लेन-देन में भी शामिल होने समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेधा पाटकर के खिलाफ साल 2001 में यह मामला दर्ज कराया था। उस समय सक्सेना अहमदाबाद स्थित एनजीओ नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के प्रमुख थे। इससे पहले 24 मई को साकेत कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने मेधा पाटकर को आपराधिक मानहानि के अपराध के लिए दोषी करार देते हुए कहा था कि पाटकर ने जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण तरीके से वीके सक्सेना के नाम को खराब करने की कोशिश की और इससे उनकी प्रतिष्ठा और साख को काफी नुकसान पहुंचा।