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Justice Yashwant Varma: कैश जलने के मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा की बढ़ेगी मुश्किल?, खबरों के मुताबिक विपक्ष भी महाभियोग प्रस्ताव पर सरकार का देगा साथ

Justice Yashwant Varma: कई वीडियो और फोटो आए थे। इन वीडियो और फोटो के आधार पर जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च 2025 की रात लगी आग में कैश जलने का दावा किया गया। इस मामले में तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय से प्रारंभिक और बाद में तीन जजों की कमेटी से विस्तृत जांच कराई थी। हालांकि, जस्टिस वर्मा ने इसे साजिश बताया और कैश की जानकारी से इनकार किया।

नई दिल्ली। कैश जलने के मामले में घिरे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है! न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक केंद्र सरकार संसद के मॉनसून सत्र में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने वाली है। चैनल ने खबर दी है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विपक्षी दल भी सरकार का साथ देने वाले हैं। ऐसे में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के साथ विपक्षी सांसदों के भी हस्ताक्षर होंगे। लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों के दस्तखत की जरूरत होगी।

महाभियोग प्रस्ताव मंजूर होने के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच बिठाई जाएगी। उस जांच में दोषी पाए जाने पर लोकसभा के अध्यक्ष राष्ट्रपति से जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की सिफरिश करेंगे। जिस पर राष्ट्रपति का फैसला होगा और कैश जलने के मामले में अगर जस्टिस यशवंत वर्मा दोषी मिले, तो उनको पद से हटा दिया जाएगा। हालांकि, जस्टिस यशवंत वर्मा के पास खुद भी इस्तीफा देने का विकल्प रहेगा। पहले भी महाभियोग मामले में घिरे कई जजों ने पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि, जस्टिस यशवंत वर्मा ने सीजेआई रहे संजीव खन्ना के प्रस्ताव के बावजूद पद से इस्तीफा देने से इनकार किया था।

कई वीडियो और फोटो आए थे। इन वीडियो और फोटो के आधार पर जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च 2025 की रात लगी आग में बड़ी मात्रा में कैश जलने का दावा किया गया। इस मामले में तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय से प्रारंभिक और बाद में तीन जजों की कमेटी से विस्तृत जांच कराई थी। दोनों जांच रिपोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा पर अंगुली उठने की जानकारी सामने आई। हालांकि, जस्टिस वर्मा ने साजिश का शक जताया और आवास के स्टोर रूम में कैश रखे होने की जानकारी से इनकार किया। तीन जजों की जांच कमेटी की रिपोर्ट सीजेआई रहते संजीव खन्ना ने पीएम और राष्ट्रपति को भेजी। अब देखना है कि 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाले संसद के मॉनसून सत्र में सरकार की ओर से जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव कब लाया जाता है। हालांकि, इस प्रक्रिया में काफी वक्त भी लगेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग प्रस्ताव के तहत आरोपों की जांच होती है, तो उसकी रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र तक ही आ सकेगी।