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UP में विपक्ष के साथ हो गया ‘खेला’!, इन दो नेताओं की मुलाकात से सियासी चर्चा का बाजार गर्म

यूपी में क्या विपक्ष के साथ बड़ा खेला हो गया? यह सवाल उन दो नेताओं की मुलाकात से उठ रहा है, जिनमें से एक लगातार दूसरी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं और हाल तक विपक्ष की ओर से बड़े प्लेयर्स में से एक माने जा रहे थे। अब आपको बताते हैं कि दोनों नेता आखिर हैं कौन और किस वजह से उनकी मुलाकात चर्चा का विषय बन गई है।

लखनऊ। यूपी में क्या विपक्ष के साथ बड़ा खेला हो गया? यह सवाल उन दो नेताओं की मुलाकात से उठ रहा है, जिनमें से एक लगातार दूसरी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं और हाल तक विपक्ष की ओर से बड़े प्लेयर्स में से एक माने जा रहे थे। अब आपको बताते हैं कि दोनों नेता आखिर हैं कौन और किस वजह से उनकी मुलाकात चर्चा का विषय बन गई है। ये दोनों नेता हैं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी यानी सुभासपा के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री रहे ओम प्रकाश राजभर और यूपी में बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह। राजभर और स्वतंत्र देव के बीच एक घंटे तक मुलाकात हुई। खास बात यह कि राजभर खुद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के घर पहुंचे थे। उनके साथ योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह भी थे।

मुलाकात का ब्योरा तो ओम प्रकाश राजभर ने नहीं दिया, लेकिन संकेतों में जरूर बताया कि बीजेपी और उनकी पार्टी के बीच फिर गठबंधन हो सकता है। 2017 में सुभासपा और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। बाद में राजभर अलग हो गए। सुभासपा अध्यक्ष ने मुलाकात के बाद कहा कि जब ममता और सोनिया मिल सकती हैं, मायावती और अखिलेश एक साथ चुनाव लड़ सकते हैं, तो राजनीति में कुछ भी हो सकता है। राजभर का यह बयान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष के लिए बड़ा संकेत है।

बता दें कि राजभर ने पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से गठबंधन की बात कही। अखिलेश के नाराज चाचा शिवपाल सिंह यादव से भी मिले और उनसे भी गठबंधन पर चर्चा की। अब बीजेपी अध्यक्ष से मुलाकात के बाद ओवैसी और शिवपाल को निश्चित तौर पर चिंता में उन्होंने डाल दिया होगा।

दरअसल, राजभर का बीजेपी के प्रति फिर से प्रेम जागने की वजह ओवैसी ही हो सकते हैं। ओवैसी पिछले महीने बहराइच आए थे। तब उन्होंने सालार मसूद गाजी की दरगाह में जियारत की थी। सालार मसूद गाजी को महाराजा सुहेलदेव ने ही जंग में माऱ डाला था। ओवैसी के दरगाह जाने के बाद ओम प्रकाश राजभर से लोग पूछ रहे थे कि जिन महाराजा सुहेलदेव के नाम पर वह राजनीति करते हैं, उनके दुश्मन रहे सालार मसूद गाजी को मानने वाले ओवैसी के साथ वह कैसे चुनाव लड़ने के बारे में सोच रहे हैं।