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Mengaluru Blast: मेंगलुरु ब्लास्ट में 3 स्थानीय लोगों ने की थी आरोपी शारिक की मदद, सूत्रों के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी से हुई धमाके के लिए फंडिंग

शारिक के गुप्त चैटिंग एप से अपने हैंडलर से बात करने और स्थानीय लोगों की मदद का खुलासा होने से जांच एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। डार्क वेब को खंगाला जा रहा है। ताकि ऐसे ही चैटिंग एप्स और उनके जरिए मैसेज का आदान-प्रदान करने वालों की जानकारी मिल सके। क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार करने वाले भी रडार पर हैं।

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मेंगलुरु। कर्नाटक के मेंगलुरु में ऑटो में हुए कुकर ब्लास्ट के आरोपी शारिक के बारे में नया खुलासा हुआ है। एनआईए और स्थानीय पुलिस की जांच से पता चला है कि तीन स्थानीय लोगों ने उसकी रेकी और आईईडी बनाने में मदद की। इसके अलावा ये भी पता चला है कि शारिक को विदेश से क्रिप्टोकरेंसी के जरिए धन मिला। उसे गुप्त चैटिंग एप से कट्टरपंथी बनाए जाने के सबूत भी मिले हैं। पता चला है कि पिछले कुछ महीनों से शारिक अपने विदेशी हैंडलर से संपर्क में था। गुप्त चैटिंग एप के जरिए वो उस हैंडलर के साथ आगे की प्लानिंग पर बात करता रहता था।

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शारिक के गुप्त चैटिंग एप से अपने हैंडलर से बात करने और स्थानीय लोगों की मदद का खुलासा होने से जांच एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। डार्क वेब को खंगाला जा रहा है। ताकि ऐसे ही चैटिंग एप्स और उनके जरिए मैसेज का आदान-प्रदान करने वालों की जानकारी मिल सके। साथ ही जांच एजेंसियों की नजर क्रिप्टो का कारोबार कराने वाली कंपनियों पर भी है। माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में क्रिप्टो एक्सचेंजों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। ये भी पता लगाया जा रहा है कि शारिक के अलावा कितने और युवाओं को गुप्त चैटिंग एप के जरिए कट्टरपंथी बनाया गया। बताया जा रहा है कि खास तौर पर मेंगलुरु के अलावा शिवमोगा के युवाओं पर भी नजर है।

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न्यूज चैनल ‘नेटवर्क 18’ के मुताबिक 2020 से करीब 6 आईएसआईएस आतंकियों का अता पता नहीं है। इनमें प्रमुख नाम अब्दुल मतीन ताहा, अराफात अली और मुसाबिर हुसैन के हैं। इन तीनों ने शिवमोगा में आईएसआईएस का जाल फैलाने की कोशिश की थी। कर्नाटक के अलावा केरल और तमिलनाडु में भी युवाओं को बरगला कर भारत विरोधी गतिविधियां कराई जा रही हैं। दुबई से अराफात इन सारे काम को करवा रहा है। ऐसे में खतरा काफी ज्यादा है और इससे पूरी तरह निपटने के लिए जांच एजेंसियां तमाम तौर तरीके अपना रही हैं।

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