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Uttarakhand: आधी रात की सियासत जिसमें हरक सिंह रावत ने कभी लगाए ठहाके तो अब फूट-फूटकर रोए

Uttarakhand: दिल्ली के रास्ते में हरक थे, जब पार्टी से निकालने और मंत्री पद से बर्खास्तगी की खबर उन्हें मिली। हरक सिंह फूट-फूटकर रोए। जबकि, कुछ दिन पहले जब सीएम पुष्कर सिंह धामी से वो मिलने पहुंचे थे, तो दोनों नेताओं की ठहाका लगाते तस्वीरें सामने आई थीं। आधी रात का खेल ऐसा हुआ कि ठहाका लगाने वाले हरक अब आंसू पोछते दिखाई दिए हैं।

देहरादून। आधी रात की सियासत.. जी हां। बीजेपी से निकाले गए उत्तराखंड के बड़े नेता हरक सिंह रावत के साथ आधी रात की सियासत खेल खेलती रही है। इसी आधी रात ने उन्हें उत्तराखंड में बीजेपी का साथ दिलवाया और अब आधी रात ने ही बीजेपी में उनका खेल भी बिगाड़ दिया। 18 मार्च 2016 की आधी रात को ही हरक सिंह अपने साथ कांग्रेस के विधायकों को लेकर राजभवन पहुंचे थे और सत्ता के खिलाफ बिगुल बजा दिया था। हरक सिंह और कांग्रेस के विधायकों की वजह से बीजेपी सत्ता में आ गई। फिर चुनाव हुए और हरक जीत गए। हरक उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में मंत्री भी बन गए। उस घटना को 5 साल होने में अभी करीब 2 महीने का वक्त है कि आधी रात ने फिर हरक सिंह रावत की जिंदगी में बदलाव ला दिया। बीजेपी ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए निकाल दिया।

दिल्ली के रास्ते में हरक थे, जब पार्टी से निकालने और मंत्री पद से बर्खास्तगी की खबर उन्हें मिली। हरक सिंह फूट-फूटकर रोए। जबकि, कुछ दिन पहले जब सीएम पुष्कर सिंह धामी से वो मिलने पहुंचे थे, तो दोनों नेताओं की ठहाका लगाते तस्वीरें सामने आई थीं। आधी रात का खेल ऐसा हुआ कि ठहाका लगाने वाले हरक अब आंसू पोछते दिखाई दिए हैं।

आधी रात के इस खेल की वजह है तीन टिकट। बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत अपने और परिवार के लिए कुल 3 सीटें मांग रहे थे। वो चाह रहे थे कि यमकेश्वर, केदारनाथ और डोइवाला सीटें मिल जाएं। इनमें से एक पर वो खुद लड़ते और एक पर बहू अनुकृति को लड़ाते। अपने खास विधायक उमेश शर्मा काउ को भी इनमें से एक सीट वो दिलाना चाहते थे। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी कह रही थी कि हरक अपनी पसंदीदा सीट लें, लेकिन बहू और उमेश शर्मा के लिए जो सीटें वो मांग रहे हैं, वे देना संभव नहीं है। हरक अपनी जिद पर अड़े रहे और अब बीजेपी ने उनसे मुक्ति पाकर दिखा दिया कि वो किसी दबाव में नहीं आने वाली है।