
नई दिल्ली। अग्निपथ योजना के तहत सेना में अग्निवीर के रूप में भर्ती होने वालों को आगे भी नौकरी की दिक्कत न हो, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार लगातार कदम उठा रही है। मोदी सरकार की ओर से पहले ही बताया जा चुका है कि 4 साल बाद रिटायर होने वाले अग्निवीरों को केंद्र सरकार की विभिन्न नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा यूपी, उत्तराखंड, असम, अरुणाचल प्रदेश वगैरा ने भी अपने यहां पुलिस में भर्ती करने की बात कही है। अब सरकारी सूत्रों का कहना है कि अग्निवीरों को तकनीकी तौर पर मजबूत करने के लिए भी सरकार ने कदम उठा लिया है। इसके तहत तकनीकी शिक्षा का कोर्स तय करने वाली AICTE और आईआईटी को जिम्मेदारी दी गई है।
एआईसीटीई यानी ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन और आईआईटी मिलकर ऐसे कोर्स और मॉड्यूल तैयार करेंगे, जिन्हें अग्निवीरों को सिखाया जाएगा। सेना में रहते ही ये कोर्स अग्निवीर करेंगे और इसके बाद जब वो रिटायर होंगे, तो तकनीकी शिक्षा की मदद से कॉर्पोरेट और अन्य क्षेत्रों में दोबारा नौकरी हासिल करने में उन्हें खासी मदद मिलेगी। पहले ही सेना ने कह रखा है कि 10वीं पास अग्निवीरों को वो 12वीं और ग्रेजुएशन करने में भी मदद देने वाली है।
अग्निवीरों की आगे पढ़ाई के लिए नेशनल ओपन स्कूल NIOS और इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी IGNOU अपने यहां विशेष कोर्स कराएंगे। ये सभी कोर्स अग्निवीर ड्यूटी पर रहते हुए ही पूरी कर सकेंगे। इन कोर्स को कराने का सारा खर्च भी केंद्र सरकार उठाएगी। इसमें अग्निवीरों को हर सेमेस्टर में कौशल का विकास किया जाएगा। ग्रेजुएशन के दौरान एक साल पर सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा और तीन साल में डिग्री दी जाएगी। इससे अग्निवीरों के लिए भविष्य के दरवाजे खुल जाएंगे और वो आसानी से हर क्षेत्र की नौकरियों में फिट भी हो सकेंगे।