
नई दिल्ली। योगी सरकार पर खुद की हत्या करवाने का आरोप लगाने वाले उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में नैनी जेल भेज दिया गया है। विजय मिश्रा को लेकर जेलर के निवेदन पर जिलाधिकारी ने नैनी जेल भेजने के आदेश दिए हैं। बता दें कि ज्ञानपुर के जेलर ने कोर्ट से विजय मिश्रा को नैनी जेल भेजने का अनुरोध किया था।
उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद की ज्ञानपुर सीट से विधायक विजय मिश्रा को पुलिस टीम रविवार को भदोही लेकर पहुंची। यहां पहुंचने के बाद विजय मिश्रा को सबसे पहले गोपीगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उनका मेडिकल टेस्ट कराया गया। इसके बाद अब विधायक को कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया. भदोही कोर्ट में पेशी के बाद भारी सुरक्षा के साथ नैनी जेल लाए गए. डीआईजी केंद्रीय कारागार नैनी ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिगत विजय मिश्रा को नैनी जेल के अलग बैरक में रखा गया है।
आपको बता दें कि विजय मिश्रा को मध्य प्रदेश के आगर-मालवा में शनिवार को JMFC कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से यूपी पुलिस ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर ले लिया था। विधायक को सड़क के रास्ते से उत्तर प्रदेश लाया गया। रात होने की वजह से पुलिस टीम रुकी थी। बता दें कि मध्य प्रदेश से गिरफ्तार हुए विजय मिश्रा कुछ पहले एक वीडियो में अपील करते दिखाई दे रहे थे कि योगी सरकार उनकी हत्या करवा सकती है।
ज्ञानपुर सीट से निषाद पार्टी के बाहुबली विधायक ने सरकार पर आरोप लगाया था कि पुलिस ने उन पर जबरन मुकदमा दर्ज किया है। क्योंकि चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश में एक जाति और माफिया का राज है और कुछ लोग ब्राह्मणों का सफाया करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनकी हत्या होती है तो इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी।
विजय मिश्रा के परिजनों को आशंका है कि यूपी पुलिस विकास दुबे जैसा कांड विजय मिश्रा के साथ फि दोहरा सकती है। बता दें कि उज्जैन में महाकाल दर्शन के लिए आए बाहुबली विजय मिश्रा को यूपी पुलिस के कहने पर शुक्रवार को मध्य प्रदेश पुलिस ने पकड़ा था। जिसके बाद उनसे पूछताछ भी की गई थी।
विधायक विजय मिश्रा पर पिछले दिनों गुंडा एक्ट लगा था। इसके बाद विधायक, उनकी पत्नी रामलली मिश्रा और बेटे विष्णु मिश्रा पर पड़ोसी कृष्णमोहन तिवारी ने मुकदमा दर्ज कराया था। तीनों पर मारपीट करने और मकान पर कब्जा करने का आरोप है। 8 अगस्त को मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही जांच कर रही पुलिस विधायक विजय मिश्रा, उनकी एमएलसी पत्नी रामलली मिश्रा और उनके बेटे विष्णु मिश्रा की तलाश कर रही थी।