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Modi Meets Muizzu And Erdogan: मोदी ने दुबई में फिर वसुधैव कुटुंबकम की सोच को रखा आगे, भारत विरोधी मुइज्जू और अर्दोआं से खुलकर मिले

पीएम नरेंद्र मोदी जब भी विदेश जाते हैं, तो वहां वसुधैव कुटुंबकम यानी दुनिया हमारा परिवार है की प्राचीन भारत की सोच का हवाला जरूर देते हैं। खास बात ये भी है कि पीएम मोदी विदेश दौरे में भारत से दुश्मनी या उसका विरोध करने वाले नेताओं से भी मिलते हैं। दुबई में भी मोदी ने ऐसे नेताओं से खुलकर मुलाकात की।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी जब भी विदेश जाते हैं, तो वहां वसुधैव कुटुंबकम यानी दुनिया हमारा परिवार है की प्राचीन भारत की सोच का हवाला जरूर देते हैं। खास बात ये भी है कि पीएम मोदी विदेश दौरे में भारत से दुश्मनी या उसका विरोध करने वाले नेताओं से भी मिलते हैं। मोदी की इस कूटनीति की हमेशा चर्चा भी होती है। इस बार दुबई में जलवायु परिवर्तन पर COP28 कॉप28 की बैठक में भी मोदी गए, तो दुनिया के तमाम नेताओं से उन्होंने मुलाकात की। इन मुलाकातों में दो ऐसे नेताओं से भी मुलाकात है, जो भारत विरोधी रवैया रखते हैं। इनमें से एक मालदीव के नए चुने गए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और दूसरे तुर्की के राष्ट्रपति रेसिप तैयप अर्दोआं हैं। दोनों नेता भारत के विरोधी माने जाते हैं और तुर्की के राष्ट्रपति तो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के पुराने दुश्मन पाकिस्तान का साथ खुलेआम देते रहे हैं।

modi in cop28

पहले बात मोहम्मद मुइज्जू की। मोहम्मद मुइज्जू को चीन का करीबी माना जाता है। वो पिछले दिनों ही मालदीव के राष्ट्रपति चुने गए। मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान वादा किया था कि वो मालदीव में तैनात भारतीय सेना के जवानों को हटाएंगे। जब उनके शपथ ग्रहण के मौके पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू माले गए थे, तब मालदीव की तरफ से इस बारे में बयान भी जारी किया गया था। मालदीव में एक बार आतंकियों ने सत्ता पलटने की कोशिश की थी। तब भारतीय सेना के जवानों ने ही कार्रवाई कर आतंकियों की साजिश नाकाम की थी। भारत ने मालदीव की सेना और पुलिस के लिए फास्ट बोट, हेलीकॉप्टर और डॉर्नियर विमान भी दिया। मालदीव की पहले की सरकारों के दौर में ही वहां भारतीय सेना के जवानों की तैनाती हुई थी। अब मुइज्जू इनको हटाने का फैसला कर चुके हैं। मुइज्जू के इस कदम के बावजूद पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात की और तमाम मसलों के अलावा भारत-मालदीव की साझेदारी को और मजबूत करने का फैसला किया।

वहीं, कॉप28 की बैठक में हिस्सा लेने दुबई पहुंचे तुर्की के राष्ट्रपति रेसिप तैयर अर्दोआं से भी पीएम मोदी खुलकर मिले। दोनों नेताओं की तस्वीर ये बताती है कि भारत के बारे में तुर्की के राष्ट्रपति भले ही विरोधी रुख रखते और कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान का पक्ष लेने के अलावा भारत के पड़ोसी मुल्क को हथियारों की सप्लाई करते हों, लेकिन मोदी और उनकी मुलाकात सिर्फ औपचारिक नहीं थी। इससे पहले जब तुर्की में भयानक भूकंप आया था, तब भी मोदी ने वहां लोगों की मदद के लिए बचाव दल और जरूरी चीजें भेजने में कोई देर नहीं की थी। मोदी ने चीन से भारत के खराब रिश्तों के बावजूद इंडोनेशिया के बाली में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की थी।