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UP: अयोध्या को दुनिया के मानचित्र में लाने में योगी के साथ मोदी भी जुटे, लिया ये बड़ा फैसला

Ayodhya: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 84 कोसी मार्ग को नेशनल हाइवे बनाने के फैसले की जानकारी दी है। इस बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। सीएम योगी ने फैसले का स्वागत करते हुए इसे अयोध्या का पुराना गौरव लौटाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम भी बताया है।

अयोध्या। रामनगरी में रामलला का मंदिर बन रहा है। सड़कें बन रही हैं। सीवर का काम हो रहा है। शहर को चारों तरफ से हाइवे से जोड़ने का काम जोरों पर है। विकास के सारे काम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ करा रहे हैं। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी भी अयोध्या को दुनिया के मानचित्र पर सबसे बेहतरीन और आदर्श शहर बनाने के इस काम में अपना योगदान दे रहे हैं। इसके लिए हाल ही में उनकी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। पीएम मोदी खुद अयोध्या में कामकाज की मॉनिटरिंग लगातार करते रहते हैं। बीते दिनों उन्होंने जिला प्रशासन से इस बारे में अपडेट भी लिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पांच जिलों से होकर गुजरने वाले 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को नेशनल हाइवे बनाने का फैसला किया। ऐसी मान्यता है कि इसी चौरासी कोस में भगवान राम की अयोध्या का राज्य था।

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केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 84 कोसी मार्ग को नेशनल हाइवे बनाने के फैसले की जानकारी दी है। इस बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। सीएम योगी ने फैसले का स्वागत करते हुए इसे अयोध्या का पुराना गौरव लौटाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम भी बताया है। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के नेशनल हाइवे बन जाने से धार्मिक पर्यटन में और इजाफा होने की उम्मीद है।

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अयोध्या में भगवान राम से जुड़े तीन परिक्रमा मार्ग हैं। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग करीब 15 किलोमीटर का है। 14 कोसी परिक्रमा मार्ग की लंबाई 42 किलोमीटर है और 84 कोसी परिक्रमा मार्ग 275 किलोमीटर लंबा है। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग अयोध्या के भीतर है। वहीं, 14 कोसी परिक्रमा शहर के बाहर चारों तरफ की जाती है। जबकि, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग में वो सारी जगह हैं, जहां के बारे में कहा जाता है कि भगवान राम वहां गए थे।

अयोध्या से 20 किलोमीटर दूर बस्ती जिले के मखौड़ा में मनोरमा नदी है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम के पिता राजा दशरथ ने यहां पुत्रेष्ठि यज्ञ किया था और तभी उनकी चार संतानें हुई थीं। भगवान के भक्त इसी जगह से 84 कोसी परिक्रमा की शुरुआत करते हैं और यह धार्मिक यात्रा यहीं खत्म भी होती है। हर साल महज 100 भक्त पैदल चलकर 22 दिन में परिक्रमा पूरी करते हैं। इसकी वजह यह है कि सड़क ठीक नहीं है। ज्यादातर सड़क 15 जगह सिंगल लेन की है। अलग-अलग 5 जिलों में से होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन सड़क ठीक न होने की वजह से श्रद्धालुओं को बड़ी मुश्किलों का सामना करना होता है, लेकिन नेशनल हाइवे बन जाने से इसमें सुधार होगा और अयोध्या आने वाले लाखों भक्तों में से ज्यादातर 84 कोसी परिक्रमा करेंगे।

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इससे अयोध्या के विकास को चार चांद लग जाएंगे। भक्तों की बड़ी संख्या यहां तक आएगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के बेहतर साधन मुहैया होंगे। बता दें कि अयोध्या के लोगों की रोजी-रोटी धार्मिक पर्यटन पर ही मूल रूप से आधारित है।