नई दिल्ली। 14 मार्च 2022 का वो जब बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सुबह 11 बजे लोकसभा का सत्र शुरू होता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाथ जोड़े सदन में दाखिल होते हैं। कैमरा और सदन में मौजूद लोग सभी की निगाहें पीएम मोदी पर टिकी होती हैं। सभी पीएम को देख सम्मान में खड़े होते हैं। मेज थपथपाई जाती है, भारत माता की जय और मोदी-मोदी के गूंजने लगते हैं। उस दिन सदन में कुछ विदेशी मेहमान भी आए हुए थे। जो इस दर्शय को देखकर सकपकाहट महसूस कर रहे थे कि आखिर हो क्या रहा है। करीब 60 सेकेंड तक सदन में ‘मोदी-मोदी’ गूंजता रहता है। फिर कुछ देर बाद पीएम मोदी सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन करते हैं। ये पूरा दर्शय अपने आप में भव्य था। जब कुछ देर बाद तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को लोकसभा में बोलने का मौका मिलता है तो वो ‘मोदी-मोदी’ के नारे को सदन की गरिमा से जोड़ते हुए सरकार को घेरते हुए कहती हैं कि भाजपा ने संसद को ‘रोम का कोलोसियम’ बना दिया है, जहां प्रधानमंत्री ‘ग्लैडिएटर’ (Modi Gladiator) की तरह आते हैं।
क्या है कोलोसियम, किसे कहते हैं ग्लैडिएटर
अगर आप भी ये नही जानते कि कोलोसियम क्या है और ग्लैडिएटर किसे कहते हैं तो आपको बता दें रोम का ऐतिहासिक Colosseum दुनियाभर में काफी मशहूर है। कोलोसियम का निर्माण 70 ईसवी में माना जाता है जो प्राचीन रोम आर्किटेक्चर का एक शानदार नमूना है। अंडाकार आकृति वाली ये जगह उस दौर में एक तरह का थियेटर या कहें कि स्टेडियम हुआ करती थी, जहां पर खुले आसमान के नीचे बैठकर लोगों के मनोरंजन के कार्यक्रम और ग्लैडिएटर फाइट (तलवार से लड़ा जाने वाला युद्ध) होती थी। स्टेडियम में ग्लैडिएटर बाघों से लड़ते थे और योद्धाओं के बीच खूनी लड़ाइयां देखने को मिला करती थी।
मंगलवार को जब लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा बोल रही थी तो उन्होंने 14 मार्च के उस दृश्य की तुलना इसी ग्लैडिएटर और कोलोसियम से की थी। बता दें, चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद भाजपा का संसद का वो पहला दिन था। ऐसे में भाजपा सांसद काफी जोश में थे और जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में पहुंचे तो BJP के सदस्यों ने ‘मोदी, मोदी’ का नारा लगाना शुरू कर दिया। बहुमत में होने के कारण संसद में आवाज भी जोरो से गूंज रही थी।
जनता के विश्वास की संसद में गूंज !
मोदी मोदी मोदी ! pic.twitter.com/YUdBPoIt7m
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) March 14, 2022
यही बात विपक्ष को रास नहीं आई और महुआ मोइत्रा ने सदन में चर्चा में हिस्सा लेते हुए 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के संसद में दिए बयान का जिक्र किया। महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 1972 में संसद में कहा था कि इन दिनों नई दिल्ली का माहौल घुटन वाला है। इसमें आजादी से सांस लेना मुश्किल है। आकाशवाणी पर सुबह से रात तक किसी प्रधानमंत्री के प्रशस्ति गान, सिनेमा के परदे पर चल रहे प्रॉपेगैंडा के बीच, विपक्ष में बैठे लोग इससे कैसे लड़ सकते हैं।’ मोइत्रा ने आगे कहा, ‘यह भारत की शायद सबसे बड़ी त्रासदी है कि जिस पार्टी का नेतृत्व प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी जी ने किया था, आज वह उस सरकार की अगुआई कर रही है जिसने इस संसद को पहली सदी की रोम की कोलोसियम बना दिया है जहां माननीय प्रधानमंत्री एक ग्लैडिएटर की तरह ‘मोदी-मोदी’ के नारों के बीच आते हैं।’
It is perhaps India’s greatest tragedy that Vajpayeeji’s worst fears have come true today under a BJP regime pic.twitter.com/b1eBVkkVEn
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 22, 2022
महुआ के बयान पर भाजपा का पलटवार
महुआ के इस बयान के बाद अब भाजपा ने इसपर पलटवार किया है। असम से भाजपा के सांसद राजदीप रॉय ने महुआ मोइत्रा का नाम लिए बगैर उन्हें जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को ‘ग्लैडिएटर’ कहा गया जो तत्कालीन रोम के साम्राज्य में तलवार लेकर लड़ने वाला योद्धा हुआ करता था। राजदीप रॉय ने कहा कि सदन में नकारात्मक तरीके से प्रधानमंत्री के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया गया, लेकिन आज पूरा देश मोदी जैसे ग्लैडिएटर पर गर्व करता है। ऐसे प्रधानमंत्री पर गर्व है जिन्होंने अपने देशवासियों के लिए और कोविड के समय विदेशों से लोगों को लाने के लिए, दुनिया में जगह-जगह कोविड रोधी टीका पहुंचाने के लिए ग्लेडिएटर की तरह काम किया।’