
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 को गरीब जनता को अगले चार साल तक मुफ्त अनाज वितरण की योजना को बढ़ाने की मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार अब 2028 तक गरीबों को मुफ्त अनाज प्रदान करेगी।
मोदी कैबिनेट में कई अहम फैसलें
दिसंबर 2028 तक गरीबों को मिलता रहेगा मुफ्त अनाज, सीमावर्ती इलाकों में नई सड़कों को मंजूरी, पाक बॉर्डर पर बिछेगा….#Delhi #ModiCabinet #CabinetMeeting @PMOIndia pic.twitter.com/lHqM3ZsY2u
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) October 9, 2024
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKAY) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने का निर्णय लिया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य विकास और पोषण को बढ़ावा देना है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना पर होने वाले खर्च का पूरा बोझ केंद्र सरकार उठाएगी, जिसका अनुमानित खर्च लगभग 17,082 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) के तहत मिड डे मील, मुफ्त राशन और पीएम पोषण योजना जैसी सभी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति को जारी रखने की मंजूरी दी है।
मोदी कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला, गरीबों को 2028 तक मुफ्त अनाज मिलता रहेगा#PMGaribKalyanYojana | #FreeRationScheme | #ModiCabinetDecision pic.twitter.com/KCn7zkJE21
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चावल फोर्टिफिकेशन पहल की सफलता
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने अप्रैल 2022 में चावल फोर्टिफिकेशन पहल को मार्च 2024 तक पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया था। इस योजना का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है, जिसमें अब तक तीन चरण सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति से एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी की समस्या का समाधान होगा।
सड़क परियोजनाओं को भी मिली मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती इलाके में सड़क परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 2,280 किमी सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए कुल 4,406 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के विकास को भी मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसका उद्देश्य समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करना और दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री विरासत परिसर बनाना है।