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अफगानिस्तान में और खराब हुए हालात, मजार-ए-शरीफ से भारतीयों को आज रात निकाल लाएगी मोदी सरकार

Modi government : ताजा जानकारी के मुताबिक तालिबान ने 6 प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा जमा लिया है और अब वे जत्थे में मजार-ए-शरीफ की ओर बढ़ रहे हैं। खास बात है कि मजार-ए-शरीफ समेत अफगानिस्तान का उत्तरी इलाका पहले भी तालिबान के खिलाफ रहा है।

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते आतंक को देखते हुए मोदी सरकार ने अब उत्तर के बड़े शहर मजार-ए-शरीफ से भारतीयों को बाहर निकालने का फैसला किया है। इसके लिए वायुसेना का विशेष विमान वहां भेजा जा रहा है। मजार-ए-शरीफ में भारतीय कॉन्सुलेट ने वहां आसपास रहने वाले सभी भारतीयों से अपील की है कि वे इस विशेष उड़ान से भारत चले जाएं। मजार-ए-शरीफ से आज देर रात वायुसेना का विशेष विमान कॉन्सुलेट के सभी स्टाफ और अन्य भारतीयों को लेकर भारत के लिए रवाना होगा। इसके लिए कॉन्सुलेट ने ट्विटर हैंडल पर वाट्सएप नंबर जारी किए हैं। कॉन्सुलेट ने दो मोबाइल नंबर भी जारी किए हैं। भारत लौटना चाहने वाले लोग 0785891303 और 0785891301 नंबर के वाट्सएप पर अपना पूरा नाम, पासपोर्ट नंबर और उसके खत्म होने की तारीख देकर विशेष विमान से लौट सकते हैं। बता दें कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन तालिबान का खौफ दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है।

Afghanistan

ताजा जानकारी के मुताबिक तालिबान ने 6 प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा जमा लिया है और अब वे जत्थे में मजार-ए-शरीफ की ओर बढ़ रहे हैं। खास बात है कि मजार-ए-शरीफ समेत अफगानिस्तान का उत्तरी इलाका पहले भी तालिबान के खिलाफ रहा है। अहमद शाह मसूद नाम के कबायली योद्धा ने एक दौर में यहां तालिबान को मार भगाया था। भारत ने मजार-ए-शरीफ से पहले कंधार में अपना कॉन्सुलेट बंद कर दिया था। वहां भी तालिबान के बढ़ते कदम को देखते हुए ये फैसला मोदी सरकार ने किया था। फिलहाल कंधार के भारतीय कॉन्सुलेट में सिर्फ अफगान स्टाफ ही बचा है।

अमेरिका पर 9/11 हमले से पहले अफगानिस्तान पर तालिबान का ही शासन था। उस वक्त वहां भारतीय दूतावास और कॉन्सुलेट बंद थे। भारत के एक विमान का अपहरण कर कंधार भी ले जाया गया था। जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर समेत 5 आतंकियों को रिहा करने के बाद इस विमान और यात्रियों को वापस लाया जा सका था। हालांकि, अपहरण के बाद विमान के एक यात्री रुपिन कत्याल की हत्या भी कर दी गई थी।