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New Body To Control Digital Content: रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना की भद्दी टिप्पणियों के बाद अब ऐसे डिजिटल कंटेंट पर सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी में मोदी सरकार, उठाने जा रही ये कदम

New Body To Control Digital Content: पिछले दिनों रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना की भद्दी टिप्पणियों वाला एक शो चर्चा का विषय बना था। इस मामले में रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना समेत शो में शामिल कई लोगों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। अब खबर ये है कि भद्दे कंटेंट पर मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक करने जा रही है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार जो कदम उठाने जा रही है, उसके दायरे में हर तरह का डिजिटल कंटेंट आएगा।

नई दिल्ली। पिछले दिनों रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना की भद्दी टिप्पणियों वाला एक शो चर्चा का विषय बना था। इस मामले में रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना समेत शो में शामिल कई लोगों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। अब खबर ये है कि भद्दे कंटेंट पर मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक करने जा रही है। मीडिया की खबरों के मुताबिक सूचना और प्रसारण मंत्रालय ऐसे भद्दे कंटेंट पर रोक लगाने के लिए प्राधिकारी तैनात करने वाला कानून लाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने रणवीर अल्लाहबादिया केस के बाद चिंता जता चुकी संसदीय समिति से भी कह चुका है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लील और हिंसक कंटेंट दिखाया जा रहा है। जो अभिव्यक्ति की आजादी का गलत इस्तेमाल है।

माना जा रहा है कि डिजिटल मीडिया के सभी स्वरूपों मसलन ओटीटी, यूट्यूब चैनल वगैरा में भद्दे और हिंसक कंटेंट पर पूरी तरह रोक लगाने का कानून मोदी सरकार लाएगी। जानकारी के मुताबिक इस मसले पर कानून बनाने के लिए व्यापक चर्चा होगी। पहले भी शिकायतें आती रही हैं कि ओटीटी चैनल में जो कंटेंट दिखाया जाता है, उसमें बहुत हिंसा और गाली-गलौज होती है। बच्चों तक भी ये कंटेंट पहुंचता है। डिजिटल मीडिया में ऐसे कंटेंट को रोकने या सेंसर करने की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर यूट्यूब पर भी चैनल बनाकर कंटेंट परोसा जाता है। साथ ही यूट्यूब पर चैनल बनाकर फर्जी खबरें भी फैलाई जाती हैं।

रणवीर अल्लाहबादिया ने खुद के खिलाफ दाखिल मुकदमे के संबंध में जब सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी, तो वहां भी उनको जबरदस्त फटकार लगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अल्लाहबादिया को गिरफ्तारी से राहत तो दे दी, लेकिन जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह ने इस मामले की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के कंटेंट से गलत मानसिकता झलकती है और ये परिवार और समाज के लिए शर्मिंदगी वाला है।