
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच पीएम मोदी ने लाल किले से देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराया। ध्वजारोहण के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि, आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के लिए समर्पण है। आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है।
उन्होंने कहा कि, कोरोना के समय में, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेकों लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे सभी कोरोना वॉरियर्स को भी मैं आज नमन करता हूं।
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पीएम मोदी ने कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के लिए समर्पण है। आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है। कोरोना के समय में, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेकों लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे सभी कोरोना वॉरियर्स को भी मैं आज नमन करता हूं।
लाइव अपडेट:
कोरोना भी इतनी बड़ी विपत्ति नहीं, जो आत्मनिर्भर भारत के विजय संकल्प को रोक सके। मैं देख सकता हूं, एक नए प्रभात की लालिमा, एक नए आत्मविश्वास का उदय, एक नए आत्मनिर्भर भारत का शंखनाद।
आज हमें शपथ लेनी होगी, प्रतिज्ञा करनी होगी की हम आयात को कम से कम करने की दिशा में योगदान करेंगे, हम अपने लधु उद्योग को सशक्त करेंगे, हम सभी लोकल के लिए वोकल बनेंगे।
हमारी Policies, हमारे Process, हमारे Products, सब कुछ Best होना चाहिए, सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे।
21वीं सदी के इस दशक में अब भारत को नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ना होगा। अब साधारण से काम नहीं चलेगा, हम दुनिया में किसी से कम नहीं, हम सबसे ऊपर रहने का प्रयास करेंगे।
बीते वर्ष मैंने यहीं लाल किले से कहा था कि पिछले पांच साल देश की अपेक्षाओं के लिए थे, और आने वाले पांच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होंगे। बीते एक साल में ही देश ने ऐसे अनेकों महत्वपूर्ण फैसले लिए, अनेकों महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए।
अब NCC का विस्तार देश के 173 border और coastal districts तक सुनिश्चित किया जाएगा। इस अभियान के तहत करीब 1 लाख नए NCC Cadets को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें भी करीब एक तिहाई बेटियों को ये स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी।
हमारे देश में 1300 से ज्यादा Islands हैं। इनमें से कुछ चुनिंदा Islands को, उनकी भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, देश के विकास में उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए, नई विकास योजनाएं शुरू करने पर काम चल रहा है।
भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है। भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है।
देश के 100 चुने हुये शहरों में प्रदूषण कम करने के लिए एक holistic approach के साथ एक विशेष अभियान पर भी काम हो रहा है।
देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश एक जोश से भरा है, संकल्प से प्रेरित है और सामर्थ्य पर अटूट श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।
आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है।
हमारे पड़ोसी देशों के साथ, चाहे वो हमसे जमीन से जुड़े हों या समंदर से, अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं।
देश के 100 चुने हुये शहरों में प्रदूषण कम करने के लिए एक holistic approach के साथ एक विशेष अभियान पर भी काम हो रहा है।
From LOC to LAC, Indian Armed Forces have taught unforgettable lessons to our neighbours who dared to misadventure. They have been responded to in the language they understand. India stands committed to defeat forces that aid and abet terrorism & expansionism. #AatmaNirbharBharat pic.twitter.com/WMfx9k2blp
— BJP (@BJP4India) August 15, 2020
भारत ने दिखाया है कि पर्यावरण के साथ संतुलन रखते हुए भी तेज विकास संभव है। आज भारत one world one sun one grid के विजन के साथ पूरी दुनिया को प्रेरित कर रहा है। renewable energy के उत्पादन के मामले में आज भारत दुनिया के पांच टॉप देशों में अपनी जगह बना चुका है।
हमारे वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं। भारत में कोरोना की एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन्स इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं। जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन वैक्सीन्स की बड़े पैमाने पर Production की भी तैयारी है।
आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक Health ID में समाहित होगी। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के माध्यम से लोगों को तमाम दिक्कतों से मुक्ति मिलेगी।
आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत आज हो रही है। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी।
कोरोना के कालखंड में आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी सीख स्वास्थ्य क्षेत्र ने सिखाई है। जब कोरोना शुरू हुआ था तब हमारे देश में कोरोना टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक Lab थी। आज देश में 1,400 से ज्यादा Labs हैं।
महिला शक्ति को जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया है। महिलाओं को स्वरोजगार और रोजगार के नए अवसर देने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। भारत में महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों से आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं।
साल 2014 से पहले देश की सिर्फ 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिल फाइबर से जुड़ी थीं। बीते पांच साल में देश में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है। जो एक लाख पंचायतें बाकी हैं वहां पर भी तेजी से काम चल रहा है।
कोरोना काल में ऑन लाइन पढ़ाई की शुरुआत हुई है। कोरोना के समय में हमने देख लिया है कि डिजिटल भारत अभियान की क्या भूमिका रही है। पिछले महीने ही करीब-करीब 3 लाख करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन अकेले BHIM UPI से हुआ है।
आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। इसी सोच के साथ देश को तीन दशक के बाद एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है। हिंदुस्तान के हर कौने में इसका स्वागत हो रहा है।
मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं। मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए। एक आम भारतीय की शक्ति, उसकी ऊर्जा, आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा आधार है।
इसी लाल किले से पिछले वर्ष मैंने जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। जो हमने सपना लिया है- पीने का शुद्ध जल, नल से जल हमारे देशवासियों को मिलना चहिए। आज इस मिशन के तहत अब हर रोज एक लाख से ज्यादा घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ने में सफलता मिल रही है।
In the next 1,000 days, India will connect 6 lakh villages with optical fibre network. #AatmaNirbharBharat pic.twitter.com/5ZQWHmU2u5
— BJP (@BJP4India) August 15, 2020
देश के किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए इस कोरेाना काल में ही कुछ दिन पहले 1 लाख करोड़ रुपये का ‘एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाया गया है।
मेरे देश का किसान, जो उत्पादन करता था, वो न अपनी मर्जी से बेच सकता और न अपनी मर्जी के दाम प्राप्त कर सकता था। उसके लिए दायरा तय था। हमने उन सारे बंधनों से किसानों को मुक्त कर दिया है। अब हिंदुस्तान का किसान आजादी के साथ कहीं पर भी अपनी फसल बेच पाएगा।
The National Infrastructure Pipeline Project will end silos in the multi-modal Connectivity Infrastructure sector. For this, 7,000 projects and Rs 110 lakh crore have been earmarked. #AatmaNirbharBharat pic.twitter.com/MHK3VnNXoj
— BJP (@BJP4India) August 15, 2020
देश के सामान्य नागरिक की मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है। बीते 6 वर्षों में देश में मेहनत करने वाले लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। बिना किसी भेद-भाव के, पूरी पारदर्शिता के साथ सभी लोगों को कई योजनाओं के द्वारा मदद पहुंचाई गई है।
आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता है – आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान। किसान को तमाम बंधनों से मुक्त करना हो वो काम हमने कर दिया है।
हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है- सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्।। किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है।
तमाम प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी देश ने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया। देश को कोरोना के प्रभाव से बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता है।
हमें Make in India के साथ-साथ Make for World के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है।
भारत में परिवर्तन के इस काल में रिफॉर्म को दुनिया देख रही है। बीते वर्ष, भारत में FDI ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत में FDI में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल में दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रूख कर रही हैं।
आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ इंपोर्ट को कम करना ही नहीं है, बल्कि हमारे सामर्थ्य के आधार पर अपने कौशल को बढ़ाना है। आत्मनिर्भर भारत में कई चुनौतियां होंगी, लेकिन अगर ये चुनौतियां हैं तो देश के पास करोड़ों समाधान देने वाली शक्ति भी है।
आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, finished product बनकर भारत में लौटता रहेगा। इसलिए हमें आत्मनिर्भर बनना ही होगा। भारत के किसान सिर्फ देश के लोगों का पेट नहीं भरते, बल्कि दुनिया में जहां लोगों को जरूरत होती है, वहां के लोगों का भी पेट भरते हैं।
आज देश अनेक नए कदम उठा रहा है, इसलिए आप देखिए स्पेस सेक्टर को खुला कर दिया, देश के युवाओं को अवसर मिल रहा है। हमने कृषि क्षेत्र को बंधनों से मुक्त कर दिया। हमने आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास किया है।
आज दुनिया इंटर-कनेक्टेड है। इसलिए समय की मांग है कि विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान बढ़ाना चाहिए, इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर बनना ही है। जब हमारा अपना सामर्थ्य होगा तो हम दुनिया का कल्याण भी कर पाएंगे।
कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ देशवासियों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया है। ये आज सिर्फ शब्द नहीं रहा, बल्कि 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है।
मुझे विश्वास है कि भारत आत्मनिर्भर के सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे देश की प्रतिभा, सामर्थ्य, युवाओं, मातृ-शक्तियों पर भरोसा है। मेरा हिंदुस्तान की सोच-अप्रोच पर भरोसा है। इतिहास गवाह है कि भारत एक बार ठान लेता है तो, भारत उसे करके रहता है।
उस कालखंड में विस्तारवाद की सोच वालों ने दुनिया में जहां भी फैल सकते थे, फैलने की कोशिश की, लेकिन भारत का आजादी आंदोलन दुनिया में एक प्रेरणा पुंज बन गया, दिव्य स्तंभ बन गया और दुनिया में आजादी की अलख जगी।
पीएम मोदी ने कहा कि, गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था, जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो। एक प्रकार से जवानी जेलों में खपा दी। ऐसे वीरों को हम नमन करते हैं।
Delhi: PM Narendra Modi inspects the Guard of Honour at the Red Fort. #IndependenceDay pic.twitter.com/Xaqi2JMjO3
— ANI (@ANI) August 15, 2020
आजादी का पर्व हमारे लिए आजादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है। अगला आजादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तो आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। तो ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है।