नई दिल्ली। खुद को नरेंद्र मोदी का ‘हनुमान’ बताने वाले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का कहना है कि प्रधानमंत्री के साथ मेरा रिश्ता अटूट है। जब तक मेरी सांसें हैं तब तक मेरा, मेरे प्रधानमंत्री से रिश्ता दुनिया की कोई ताकत नहीं तोड़ सकती। मेरा रिश्ता, मेरे प्रधानमंत्री से तब नहीं टूटा, जब मैं उनके साथ नहीं था। 2020 के चुनाव में मैं उनके साथ नहीं था, तब मैंने कहा था कि पीएम मोदी मेरे दिल में बसते हैं, यह रिश्ता उस कठिन समय में जब नहीं टूटा तो आज की तारीख में तो यह सवाल ही पैदा नहीं होता है।
मेरा रिश्ता मेरे प्रधानमंत्री जी के साथ अटूट है। जबतक मेरी सांसें है तबतक मेरा, मेरे प्रधानमंत्री जी से वो रिश्ता दुनिया की कोई ताकत नहीं तोड़ सकती। मेरा रिश्ता मेरे प्रधानमंत्री जी से तब नहीं टूटा, जब मैं उनके साथ नहीं था। 2020 के चुनाव में मैं उनके साथ नहीं था, यह रिश्ता उस… pic.twitter.com/4MBHgLapra
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चिराग पासवान ने न्यूज 18 इंडिया चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि एनडीए की सरकार न सिर्फ अपने गठबंधन दलों की बात सुनती है बल्कि उसी के अनुरूप फैसले भी लेती है। उन्होंने कहा कि सरकार का हर एक अंग, हर एक हिस्सा महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री के रूप में जो जिम्मेदारी मेरे कंधे पर है, उस जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाना मेरे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसके लिए मैं कार्य कर रहा हूं।
सरकार का हर एक अंग, हर एक हिस्सा महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री के रूप में जो जिम्मेदारी मेरे कंधे पर है, उस जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाना मेरे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसके लिए मैं कार्य कर रहा हूं : @iChiragPaswan pic.twitter.com/ftJSOZSGch
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पिछले कुछ सालों के बारे में जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे तीन सालों के अनुभव ने मुझे यहां तक पहुंचाया है। तीन साल पहले साल 2021 में मेरी पार्टी के साथ-साथ मेरा परिवार भी टूटा। एक ऐसी पार्टी जिसे मेरे श्रद्धेय पिता रामविलास पासवान ने खून-पसीने से सींचा था। मुझे मेरी अपनी पार्टी से ही निकाल कर बाहर फेंक दिया गया। वो तीन साल मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण रहे, जिसने मुझे जिंदगी का सबसे बड़ा अनुभव दिया।
मेरे पिछले तीन सालों के अनुभव ने मुझे यहां तक पहुंचाया। तीन साल पहले 2021 में मेरी पार्टी के साथ-साथ मेरा परिवार भी टूटा। एक ऐसी पार्टी जिसे मेरे श्रद्धेय पिता ने खून-पसीने से सींचा था। मुझे मेरी अपनी पार्टी से ही निकाल कर बाहर फेंक दिया गया। वो तीन साल मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण… pic.twitter.com/cLCV2oTAEm
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चिराग ने कहा कि वो तीन साल के अनुभव नहीं होते तो आज मैं जहां हूं, शायद वहां नहीं पहुंच पाता। उन्होंने आगे कहा कि बीते सालों में इतना कुछ खोया है और खोकर इतना कुछ हासिल भी किया है कि अब कोई डर नहीं है। डरता मैं किसी से नहीं, और अब किसी बात का डर लगता भी नहीं है। जितना डर था, वो सब मुझसे छीन लिया गया है।
इतना कुछ खोया है, और इतना कुछ हासिल भी किया है खोकर, कि अब वो डर नहीं है। डरता मैं किसी से नहीं, और अब डर किसी बात का लगता भी नहीं है। जितना डर था, वो सब मुझसे छीन लिया गया है : @iChiragPaswan pic.twitter.com/Mizlsc66r2
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