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विपक्ष के हंगामे से खराब हुआ संसद का मानसून सत्र, 89 घंटे का समय हुआ बर्बाद, हुआ करोड़ों का नुकसान

Monsoon Session: पेगासस जासूसी मामले में विपक्ष लगातार चर्चा की मांग कर रहा है। ऐसे में इस मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है। जिसकी वजह से सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ रहा है।

नई दिल्ली। 19 जुलाई से 30 जुलाई तक के चले संसद के मानसून सत्र में इस बार विपक्ष ने कुछ इस तरह हंगामा काटा कि सत्र में कुछ खास काम हो नहीं सका। इसके उलट सत्र ना चलने के कारण समय और पैसों की बर्बादी भी हुई। बता दें कि संसद के मानसून सत्र को लेकर सरकार का कहना है कि विपक्ष ने इस दौरान लगातार व्यवधान डाला, जिसके चलते संसद के मानसून सत्र अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सका। इससे जुड़ी सामने आई जानकारी के मुताबिक 13 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में आधा सत्र बीत जाने के बाद शोर-शराबे के चलते अब तक सिर्फ तीन पारित किए जा सके हैं। ऐसे में विपक्ष के हंगामें के चलते सत्र का समय बर्बाद जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा संभावित 54 घंटों में से केवल 7 घंटे ही चल सकी। वहीं राज्यसभा की बात करें तो उच्च सदन के संभावित 53 घंटों में से 11 घंटे ही कामकाज हो सका।

PM Modi loksabha

बता दें कि इस सत्र में अब तक संसद में संभावित 107 घंटों में से केवल 18 घंटे काम हुआ। वहीं इन आंकड़ों पर गौर करें तो लगभग 89 घंटे का कार्य समय बर्बाद हो गया है। जबकि सत्र को 13 अगस्त तक चलना है और अभी तक सत्र का आधा समय निकल चुका है। जोकि हंगामे की भेंट चढ़ चुका है। वहीं इस हंगामें की वजह से अनुमान लगाया गया है कि देश के करदाताओं का कुल 133 करोड़ रुपये से अधिक का पैसा खराब हुआ है।

दरअसल पेगासस जासूसी मामले में विपक्ष लगातार चर्चा की मांग कर रहा है। ऐसे में इस मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है। जिसकी वजह से सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ रहा है। वहीं सदन के इस सत्र को सुचारु रूप से समाप्त करने के लिए सरकार विपक्ष के नेताओं के साथ बातकर एक और प्रयास करने के मूड में है।