नई दिल्ली। फरवरी महीने की शुरूआत यानी प्यार की शुरूआत, वैसे तो प्यार के लिए कोई एक दिन नहीं होता है। प्यार करने के लिए हर दिन प्यार का दिन होता है। इस दिन दो प्यार करने वाले एक दूसरे को अपने प्यार का इजहार करते है। इस दिन लोग अपने पार्टनर के लिए सरप्राइज प्लान करते है। वैलेंटाइन डे यानी प्यार का दिन लेकिन ये सिर्फ दो एक पति-पत्नी या गर्लफ्रेंड-ब्वॉयफ्रेंड के लिए नहीं होता है। वैलेंटाइन मतलब जिनसे भी हम प्यार करते है उनके लिए फिर चाहे वो हमारे माता-पिता हो, भाई या बहन हो या फिर दोस्त क्यों ना हो, यह दिन हम अपने किसी भी लव वन के साथ मना सकते है। वहीं वैलेंटाइन की शुरूआत कैसे हुई इसको हर कोई जानना चाहते है वैसे तो वैलेंटाइन को लेकर कई कहानियां फेमस है उसमें से एक कि एक भाई ने अपनी बहन को प्रेम पत्र लिख कर अपने दिल की बात बताई थी। तो चलिए जानते है पूरी स्टोरी-
जानिए क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे
दरअसल, मोर मॉन्क नाम के एक व्यक्ति को एलेजेबेट लुईन नाम की लड़की से प्यार हो गया था, मोर मॉन्क उस दौरान पहाड़ों की रानी मसूरी में रहते थे, और जॉन मेनन के बारलोगंज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के अध्यापक थे। इन्होंने 14 फरवरी 1843 को मसूरी से अपनी बहन मार्गेट को खत लिख कर इंग्लैण्ड भेजा था। इस खत में मोर मॉन्क ने उस लड़की को लेकर अपने प्यार के बारे में अपनी बहन को बताया था। साल 1849 को जब मोर मॉन्क ने इस दुनिया को अलविदा कहा तब वह मेरठ में रह रहे थे।
मोर मॉन्क ने लिखा था अपनी बहन को प्रेम पत्र
मोर मॉन्क के लिखे इस खत के बारे में लोगों को तब पता चला जब 150 साल बाद मोर मॉन्क के एक रिश्तेदार ने साल 1828 से 1849 के बीच लिखे खत के बारे में अपनी पुस्तक में इसका जिक्र किया है। मोर मॉन्क के रिश्तेदार यानी एंड्रयू मोर्न ने मसूरी मर्चेंट इंडियन लेटर्स पुस्तक में उनके लिखे खत को भी जोड़ा है। मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स बुक के मुताबिक मोर मॉन्क ने अपनी बहन मार्गेट को बताया कि उन्हें ,लिजाबेथ लुईन से प्यार है। देश में पहली बार किसी लव लेटर के रिकाॅर्ड का बुक में दर्ज होने के कारण से भारत में इस दिन को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है क्योंकि मसूरी की वादियों में लिखे इस प्रेम पत्र की तुलना प्यार के एहसास से की जाती है।