नई दिल्ली। 378 दिनों के बाद गुरुवार को आखिरकार किसान आंदोलन स्थगित कर दिया गया। दरअसल किसानों के विभिन्न मुद्दों पर केन्द्र सरकार की सहमति बनने के बाद यह फैसला लिया गया है। इसके साथ पिछले एक साल से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने इसे अपनी जीत माना और अब खुशियां मनाई जा रही है। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच में उत्सव का माहौल देखा जा रहा था। इस दौरान किसानों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और अपनी जीत की खुशियां मनाते दिखाई दिए।
वहीं अब अपनी मांग पुरी होने के बाद कई किसान अपने तंबू उखाड़ते हुए भी नजर आए। इस पर किसानों का यह भी कहना है कि वो इस फैसले से बेहद खुश हैं और अब अपने अपने घर जाने के लिए भी तैयार हैं।
खत्म नहीं स्थगित हुआ है आंदोलन
वहीं आपको बता दें कि इस आंदोलन को फिलहाल स्थगित किया गया है, खत्म नहीं किया गया है। किसानों के फैसले पर किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल का यह भी कहना है कि अहंकारी सरकार को झुका कर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ स्थगित हुआ है। मोर्चे खत्म हो रहे हैं, 11 दिसंबर से घर वापसी होगी। इसी के साथ राजेवाल ने यह भी कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा बरकरार रहेगा। हर महीने 15 तारीख को बैठक होगी। किसानों के मुद्दे पर आंदोलन जारी रहेगा. चुनाव में उतरने सवाल पर कहा कि मोर्चा चुनाव नहीं लड़ेगा।’
सबसे बड़ा आंदोलन
इसके साथ ही किसान नेता हन्नान मोल्लाह का यह भी कहना है कि यह आंदोलन आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन है और हमें खुशी है कि आखिरकार सरकार को सच के आगे झुकना ही पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि यह सबसे शांतिपूर्वक आंदोलन रहा है। वहीं किसान मोर्चा ने MSP गारंटी कानून बनने तक हर महीने बैठक करने का एलान किया है।