ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अपने देश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा रोकने में सफलता तो नहीं पाई, इसका ठीकरा पूर्व पीएम शेख हसीना पर फोड़ रहे हैं। मोहम्मद यूनुस के दफ्तर से बयान जारी किया गया है कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी से मुलाकात के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार ने कहा कि भारत में रह रहीं शेख हसीना के बयानों के कारण तनाव पैदा हो रहा है। मोहम्मद यूनुस ने विक्रम मिसरी से बातचीत में ये भी कहा कि बांग्लादेश और भारत के संबंध बहुत ठोस और घनिष्ठ हैं। इससे पहले विक्रम मिसरी ने बांग्लादेश के विदेश सचिव जसीमुद्दीन से बातचीत के दौरान वहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा और मौजूदा हालात पर चिंता जताई थी।
इससे पहले रविवार को शेख हसीना ने अपनी पार्टी अवामी लीग के समर्थकों की लंदन में हुई सभा को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर जमकर निशाना साधा था। शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस को फासीवादी बताया था। उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों और कट्टरपंथियों को मोहम्मद यूनुस का प्रशासन बिना किसी रोक के अपनी गतिविधियां करने देता है। शेख हसीना ने कहा था कि 5 अगस्त 2024 के बाद बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं, बौद्ध और ईसाइयों पर हमले हो रहे हैं। शेख हसीना ने ये भी कहा था कि बांग्लादेश में लोकतांत्रिक अधिकार भी खत्म कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने जो उपलब्धियां हासिल की, उन पर मोहम्मद यूनुस पानी फेर रहे हैं।
शेख हसीना के खिलाफ इस साल की शुरुआत से छात्रों का आंदोलन शुरू हुआ था। उस दौरान 400 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। इसके बाद 5 अगस्त 2024 को भीड़ ने शेख हसीना के सरकारी आवास पर धावा बोल दिया था। जिसकी वजह से शेख हसीना को जान बचाकर भागना पड़ा और उन्होंने भारत में शरण ली। जिसके बाद बांग्लादेश में सेना ने सत्ता पर कब्जा जमाया और फिर अंतरिम सरकार का गठन हुआ। जिसका मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को बनाया गया। जो इससे पहले अमेरिका में थे। मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी। उनको नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला था।