
नई दिल्ली। मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के बार स्कॉर्पियो में विस्फोटक रखने और मनसुख हिरेन मामले के आरोपी सचिन वाजे को मुंबई पुलिस ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। मंगलवार को मुंबई पुलिस ने सचिन वाजे की बर्खास्तगी का आदेश जारी किया। इस पूरे मामले की जांच NIA कर रही है और सचिन वाजे अभी भी हिरासत में है। सचिन वाजे को एनआईए ने 13 मार्च को गिरफ्तार किया था। इन दोनों मामले के अलावा सचिन वाजे से 100 करोड़ रुपए हर महीने वसूली मामले की भी जांच चल रही है।
इससे पहले मुंबई में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद अब एक और चिट्ठी सामने आई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में बंद मुंबई पुलिस के सस्पेंड हो चुके असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सचिन वाजे ने चिट्ठी जारी की थी इसमें महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के कई नेताओं पर आरोप लगाए गए थे। कथित चिट्ठी में सचिन वाजे ने आरोप लगाया था कि पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उन्हें नौकरी पर वापस रखने के बदले 2 करोड़ रुपए मांगे थे।
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Here is copy of letter submitted by Sachin Vaze in designated court.#MahaVasuliAghadi pic.twitter.com/MOMKSzRsy0
— Suresh Nakhua (?? ???? ????) (@SureshNakhua) April 7, 2021
कथित चिट्ठी में वाजे ने लिखा था कि गृहमंत्री ने उन्हें 1650 बार से उगाही के लिए कहा था लेकिन उन्होंने असमर्थता जता दी थी। इसके बाद कथित चिट्ठी में वाजे ने कहा था कि गृहमंत्री के पीए ने उन्हें गृहमंत्री के ऑफर पर विचार करने के लिए कहा था। इसके साथ ही वाजे की चिट्ठी में महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब पर भी आरोप लगाए गए थे। चिट्ठी में वाजे ने लिखा था कि अनिल परब ने उसे 50 करोड़ लेकर SBUT की जांच बंद करने को कहा था। वाजे की चिट्ठी में एक और आरोप लगाया गया था। वाजे ने चिट्ठी में लिखा था कि अनिल परब ने उसे बीएमसी के 50 ठेकेदारों से 100 करोड़ रुपए वसूलने को कहा था।
इसके साथ ही सचिन वाजे पर क्रिकेट सट्टेबाजी का भी आरोप लगा है। इस मामले में कहा गया कि अंडरवर्ल्ड गैंग से जुड़े क्रिकेट सट्टेबाजी सिंडिकेट, जो मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सक्रिय है, ने कथित तौर पर मुंबई क्राइम ब्रांच के पूर्व अधिकारी सचिन वाजे को ‘प्रोटेक्शन मनी’ का भुगतान किया। वहीं कई सीसीटीवी फुटेज से भी सचिन वाजे के खिलाफ कई और खुलासे हुए साथ ही इस बात का भी खुलासा हुआ कि सचिन वाजे ने अपने पावर का इस्तेमाल कर अपनी सोसायटी के सीसीटीवी फुटेज जो सबूत के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते थे सहित कई और सबूतों को मिटाने की हरसंभव कोशिश भी की।