नई दिल्ली। यूपी के गाजियाबाद में मुरादनगर श्मशान घाट में हुई दुर्घटना के बाद योगी सरकार बेहद सख्त नजर आ रही है। इस घटना के बाद आगे भी इस तरह की कोई और घटना ना हो इसके लिए अब प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं। बता दें कि मुरादनगर में हुई घटना को लेकर अब जिम्मेदार ठेकेदार और अफसरों पर सख्त एक्शन होगा। इस घटना से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण कार्य में हुए सरकारी धन के नुकसान के साथ ही मृतकों के परिवार को दी जा रही सहायता राशि की भरपाई भी जिम्मेदार ठेकेदार और इंजीनियरों से करने के निर्देश दिए हैं। वहीं इसमें जो नुकसान हुआ और आश्रितों को मुआवजा राशि दी जा रही है उसकी भरपाई पहली बार ठेकेदार और अफसरों से की जाएगी। मंगलवार को सीएम योगी ने एक उच्चस्तरीय बैठक में साफ किया कि, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानक से कम मिली तो डीएम और कमिश्नर इसके लिए जिम्मेदार होंगे। ठेकेदार और इंजीनियरों के साथ डीएम, कमिश्नर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुरादनगर, जनपद गाजियाबाद की दुर्घटना की जांच एसआईटी से कराये जाने के निर्देश दिये हैं। यह जानकारी आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने दी।
इसके अलावा सीएम योगी ने मंगलवार को लोकभवन में एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, प्रदेश के सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारी जनपदों में सरकारी भवनों की स्थिति का निरीक्षण करेंगे। यदि विद्यालय, अस्पताल आदि का संचालन मानक विहीन भवन में पाया जाएगा तो तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इनका संचालन अन्यत्र सुनिश्चित कर भवन को शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ध्वस्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि, बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु सरकारी तथा निजी क्षेत्र में संचालित सभी बेसिक एवं माध्यमिक स्तर के विद्यालयों तथा डिग्री कॉलेजों आदि के भवनों का भी गहन निरीक्षण किया जाएगा। बता दें कि सीएम योगी के तेवरों से साफ है कि अब जिले में हो रहे सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की टास्क फोर्स औचक जांच करेगी। गौरतलब है सीएम योगी ने कहा है कि, इस तरह के कार्यों में अगर लापरवाही हुई तो यह बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बता दें कि सीएम योगी ने कहा है कि बड़ी परियोजनाओं केनिर्माण की कम से कम तीन बाच औचक जांच की जाए। उन्होंने अधिकारियों को भी जांच की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने को कहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि, अब निर्माण कार्य घटिया निर्माण के लिए संबंधित जिले के डीएम के साथ ही कमिश्नर को भी जिम्मेदार माना जाएगा। ठेकेदार व इंजिनियरों के साथ ही डीएम व कमिश्नर के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।