
नई दिल्ली। राजस्थान के चर्चित गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर में शामिल एसपी समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस चलेगा। जोधपुर की सीबीआई कोर्ट ने चूरू के तत्कालीन एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़ और हेड कांस्टेबल कैलाश को इस मामले में 302 का आरोपी बनाया है। अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है। राजस्थान की एसओजी टीम ने 24 जून 2017 को आनंदपाल का एनकाउंटर किया था। गैंगस्टर के परिजनों ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए केस दर्ज कराया था। वसुंधरा राजे सरकार ने इस एनकाउंटर की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
अदालत में आनंदपाल की पत्नी के वकील भंवर सिंह ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि आनंदपाल के शरीर पर चोट के निशान थे। क्लोजर रिपोर्ट साफ-साफ बताती है कि आनंदपाल को बहुत करीब से गोली मारी गई थी जो दर्शाता है कि पहले आनंदपाल को पकड़ा गया फिर उसे पीटा गया और बाद में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई और उसे एनकाउंटर का रूप दे दिया गया। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि पुलिस ने बताया था कि आनंदपाल के साथियों ने ही मुखबिरी करते हुए बताया था कि वह चुरू के मालासर गांव में छिपा है।
मालासर पहुंचकर एसओजी की टीम ने घेराबंदी कर आनंदपाल को सरेंडर करने के लिए कहा। मगर आनंदपाल जिस घर में छिपा था उसकी छत से फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में एसओजी टीम ने भी गोलीबारी की जिसमें आनंदपाल की मौत हो गई। उसे 6 गोलियां लगी थीं। आनंदपाल का एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम को सम्मानित किया गया था और उन्हें प्रमोशन भी दिया गया था। पुलिस के अनुसार आनंदपाल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को पसंद करता था। जेल में रहने के दौरान भी वह दाऊद पर लिखी किताबों को पढ़ता रहता था।