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Bhopal में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, शिवराज सरकार ने लिया ये ‘एक्शन’

Protest in Bhopal: भोपाल(Bhopal) के इकबाल मैदान में फ्रांस(French) के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ हजारों लोग जुटे थे। इस प्रदर्शन का आयोजन भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने किया था।

भोपाल। दुनियाभर में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन का माहौल है, ऐस में भारत में भी इसका असर देखा जा रहा है। बता दें कि गुरुवार को राष्ट्रपति मैक्रों की तरफ से पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के खिलाफ भोपाल में सैंकड़ों लोग सड़क पर उतर आए और प्रदर्शन किया। अब इस प्रदर्शन पर शिवराज सरकार एकदम सख्त नजर आ रही है और एक्शन की तैयारी में है। इस मामले को लेकर CM शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट कर कहा कि, मध्य प्रदेश में शांति भंग नहीं होने देंगे। जो भी इसके खिलाफ कोशिश करेगा उससे सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, “मध्यप्रदेश शांति का टापू है। इसकी शांति को भंग करने वालों से हम पूरी सख्ती से निपटेंगे। इस मामले में 188 IPC के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा, वो चाहे कोई भी हो।”

Bhopal protest France

बता दें कि भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ हजारों लोग जुटे थे। इस प्रदर्शन का आयोजन भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने किया था। प्रदर्शन में पहुंचे लोगों के हाथों में तख्तियां थीं और उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन पर अब पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है।

वहीं भोपाल के तलैया थाना पुलिस ने विधायक आरिफ मसूद समेत कई अज्ञात लोगों पर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने का केस दर्ज किया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम किसी भी दोषी को बख्शेंगे नहीं, वो चाहे कोई भी हो।

France President

वहीं फ्रांस के हालात पर यूरोपीय परिषद के सदस्य देशों ने इस हमले को यूरोपीय परिषद के साझा मूल्यों पर हमला करार दिया है। संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘हम, यूरोपीय नेता, फ्रांस में आतंकवादी हमलों से हैरान और दुखी हैं। हम इन हमलों की कड़ी निंदा करते हैं और फ्रांस, उसके नागरिकों के साथ मजबूती से खड़े हैं। हम आतंकवाद और हिंसक अतिवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। साथ ही हम दुनिया भर के देशों से अपील करते हैं कि विभाजन के बजाय समुदायों और धर्मों के बीच बातचीत और समझ बढ़ाने के लिए आगे आएं।’