Video: कट्टरपंथियों को मुंहतोड़ जवाब, यूपी की जेल में बंद मुस्लिम कैदियों ने रखा नवरात्रि पर व्रत
साथ ही बंदियों में आपसी प्रेम और सौहार्द देखा जा सकता है, यहां पर लगभग 3000 से ज्यादा बंदी बंद है, इनमें से 1104 हिंदू बंदी और 218 मुस्लिम बंदी मिलकर नवरात्रों के व्रत रख रहे हैं तथा एक दूसरे की भावना का सम्मान कर रहे हैं, यहां के बंदी वास्तव में समाज के लिए एक उदाहरण से कम नहीं है।
नई दिल्ली। मदरसों का सर्वे और वफ्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच का विरोध किया जा रहा है। वहीं मुजफ्फरनगर की कारागार में बंद 200 अट्ठारह मुस्लिम बंधुओं द्वारा नवरात्र के व्रत रखकर जेल से संप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की जा रही है। मुजफ्फरनगर जिला जेल में बंद हिंदू और मुस्लिम समाज के बंदी एक साथ नवरात्र के व्रत रखकर पूजा पाठ कर समाज को आपसी भाईचारे का आईना दिखाने का काम कर रहे हैं। यह तस्वीरें है यूपी के जिला मुजफ्फरनगर की जेल में बंद बंदियों से सभी को सबक लेना चाहिए, चूंकि जेल के अंदर कारागार बंदी एक ऐसी मिसाल पेश कर रही है, जो समाज में वैमनस्य फैलाने का काम करते हैं, यहां के बंदी नवरात्रों के पावन अवसर पर व्रत रख रहे हैं।
साथ ही बंदियों में आपसी प्रेम और सौहार्द देखा जा सकता है, यहां पर लगभग 3000 से ज्यादा बंदी बंद है, इनमें से 1104 हिंदू बंदी और 218 मुस्लिम बंदी मिलकर नवरात्रों के व्रत रख रहे हैं तथा एक दूसरे की भावना का सम्मान कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि इन बंदियों से सबक लेते हुए आपसी द्वेष नफरत का त्याग करते हुए प्रेम भाव के साथ मिलकर रहना चाहिए, यही हमारी तहजीब भी है। निसंदेह त्योहार हमें एक दूसरे के करीब लाते हैं जोड़ते हैं तथा एक दूसरे के त्योहारों में सहभागिता करना हमारी पुरानी संस्कृति की पहचान है जिसे जेल में बंद बंदियों ने बखूबी करके दिखाया है और संदेश देने की भी कोशिश की है कि हमें एक दूसरे के त्योहारों में शामिल होकर सद्भावना का परिचय देना चाहिए।
कुल मिलाकर जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा के सार्थक प्रयासों की सराहना दिल खोलकर करनी होगी जिन्होंने जेल की दिशा और दशा को पूरी तरह बदलकर रख दिया है। बंदियों में बदलाव आया है उनकी सोच बदली है, वह भी बंदियों में विश्वास की भावना को जन्म दे रहा है। पूरे उत्तर प्रदेश की जेलों में बदलाव की बयार शुरू हुई है, लेकिन मुज़फ्फरनगर कारागार में हुआ सांप्रदायिक सौहार्द सुर्खियों में बना हुआ है।