
नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में आपको ऐसे अनगिनत राजनेता मिल जाएंगे, जो मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने से बाज नहीं आते हैं। कोई भारत को मुस्लिमों के लिए खरतनाक देश बताता है, तो कोई कहता है कि भारत अब मुस्लिम के लिए सुरक्षित देश नहीं रह गया है, तो कोई कहता है कि भारत में मुस्लिमों की बदहाली अपने चरम पर पहुंच चुकी है, तो कोई इन सबका कसूरवार केंद्र की मोदी सरकार को ठहराने से भी गुरेज नहीं करेगा। इतना ही नहीं, अपनी राजनीति चमकाने के आड़ में कुछ लोग तो यहां तक कहने से भी गुरेज नहीं करते हैं कि आज भारत में मुस्लिमों की दुर्दशा का अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो केंद्र की मोदी सरकार ही है। चलिए, चिंता मत करिए आप। हम इस मसले पर भी प्रकाश डालते हुए आपको पूरा मुद्दा विस्तार से बताएंगे। लेकिन, उससे पहले आप यह जान लीजिए कि बीते दिनों ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए मतदान हुए, जिसमें 200 वर्षों बाद कोई भारतीय मूल का शख्स ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुआ, जिसके बाद भारत में खुशी की लहर दौड़ गई। बता दें कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हुए हैं।
दीवाली के मौके पर जैसे ही खबर आई कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने जा रहे हैं, तो किसी की भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दीवाली के एक दिन पहले यानी की छोटी दीवाली को भारत-पाकिस्तान के बीच मैच हुआ था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी और उसके एक दिन बाद यानी की बड़ी दीवाली के दिन जैसे ही खबर आई कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गए हैं, तो भारतवासियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह सहित अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी उन्हें बधाई दी। बता दें कि प्रधानमंत्री बनने से पूर्व ऋषि सुनक बेरिस जॉनसन के सरकार में वित्त मंत्री का कार्यभार संभाल चुके हैं।
इतना ही नहीं, बतौर वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कोरोना काल में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था संभालने में अहम किरदार निभा चुके हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्हें ब्रिटेन की प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आसीन किया गया है। वर्तमान में ब्रिटेन बेशुमार आर्थिक दुश्वारियों से जूझ रहा है। ऐसे में बतौर प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पास चुनौतियों का अंबार खड़ा है। अब ऐसे में वे इन चुनौतियों के अंबार से कैसे निपटते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन इस पूरी स्थिति से पहले आप यह जान लीजिए कि ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में राजनीति तेज हो गई है।
दरअसल, ब्रिटेन में ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में मुस्लिमों के तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। कुछ लोग अब इसकी तुलना में भारत में लोकतांत्रिक प्रणाली से कर रहे हैं। अब मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति की पैरोकारी करने वाले लोगों का कहना है कि जब ब्रिटेन में कोई हिंदू प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो सकता है, तो भला भारत में क्यों नहीं। वजह साफ है कि भारत में मुस्लिमों को समान अधिकार नहीं दिए जाते हैं, जिसे लेकर अब ब्रिटेन जम्मू-कश्मीर कैडर के आईएएस अधिकारी शाह फैसल का बड़ा बयान सामने आया है। आइए, आगे हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
जानिए शाह फैसल ने क्या कहा ?
मौलाना आज़ाद से लेकर डॉ मनमोहन सिंह और डॉ. जाकिर हुसैन से लेकर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक, भारत हमेशा समान अवसरों की भूमि रहा है और शीर्ष तक का रास्ता सभी के लिए खुला है। गलत नहीं होगा अगर मैं कहूं कि मैं पहाड़ की चोटी पर गया हूं और इसे अपने लिए देखा है।
in any other so called Islamic country.
My own life-story is about a journey, shoulder to shoulder, with each fellow citizen of this nation of 1.3 Billion people, where I have felt owned, respected, encouraged and at times pampered at every step of the way. That’s India.
3/4
— Shah Faesal (@shahfaesal) October 25, 2022
तो शाह फैसल के ट्वीट के जरिए उन सभी लोगों को करारा जवाब मिल गया होगा, जो ब्रिटेन में ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को हवा देने में व्यस्त हो गए थे।