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Manipur Violence: मणिपुर की शर्मनाक घटना पर एन बीरेन सिंह ने किया मीडिया को संबोधित, जानें क्या कुछ बोले मुख्यमंत्री?

Manipur Violence: इसके अलावा विपक्ष की ओर से पिछले 72 दिनों से मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री की खामोशी पर भी सवाल उठा रहा है। विपक्षी के कई नेताओं ने कहा कि आज आखिरकार प्रधानमंत्री मोदी इस संवेदनशील मसले पर बोलने को बाध्य हो ही गए।

नई दिल्ली। गत दो माह से हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर से बीते बुधवार को शर्मसार कर देने वाला वीडियो सामने आया, जिसने देश का सिर शर्म से झुका दिया। आखिर कोई दरिंदगी की इस हद तक भी जा सकता है। सोचकर ही रूह कांप जाती है। जी हां… आपको बता दें कि वायरल वीडियो में दो आरोपी दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनसे परेड कराते हुए नजर आ रहे हैं। इस परेड में कई पुरुष भी शामिल हैं। जिसमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, अब इन दोनों की निशानदेही पर जल्द ही बाकियों को भी गिरफ्तार करने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया है। बता दें कि इस घटना के सामने आने के बाद मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने मीडिया को संबोधित किया और उन्होंने आगामी दिनों में आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शर्मनाक घटना है। हम आगामी दिनों में इस कुकृत्य में संलिप्त अन्य आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस शर्मनाक घटना के सामने आने के बाद सीएम एन बीरेन सिंह पहली मर्तबा मीडिया से मुखातिब हुए। बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र में शामिल होने से पहले मीडिया को संबोधित करने के क्रम में इस घटना पर दुख व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि इस घटना से मेरा दिल से पीड़ा से भर गया है। इस मामले ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। उधर, विपक्ष इस मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह से इस्तीफे की मांग कर रहा है।

इसके अलावा विपक्ष की ओर से पिछले 72 दिनों से मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री की खामोशी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्षी के कई नेताओं ने कहा कि आज आखिरकार प्रधानमंत्री मोदी इस संवेदनशील मसले पर बोलने को बाध्य हो ही गए। बता दें कि केजरीवाल से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक ने इस घटना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की घेराबंदी की है, लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट कर दिया था कि यह समय राजनीति करने का नहीं है, बल्कि स्थिति को दुरूस्त करने का है। ध्यान दें कि मणिपुर में पिछले दो माह से मैतई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा जारी है। दरअसल, मैतई समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है, जिसका कुकी समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है, लेकिन अब यह विरोध हिंसा का रुख अख्तियार कर चुकी है। ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में अब सरकार इस संवेदनशील मसले पर क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।