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Maharashtra: एनसीपी नेता छगन भुजबल के बिगड़े बोल, बोले- सरस्वती पढ़ाती नहीं, स्कूलों से हटाओ फोटो, बीजेपी का चढ़ा पारा

छगन भुजबल किसी जमाने में शिवसेना के फायरब्रांड नेता माने जाते थे। वो तब हिंदुत्व के मुद्दे पर खूब बयान देते थे। बाद में शिवसेना के तत्कालीन सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे से छगन भुजबल की अनबन हो गई। इसके बाद उन्होंने शिवसेना छोड़ दी और बाद में शरद पवार के साथ हाथ मिलाकर एनसीपी में शामिल हो गए।

मुंबई। शरद पवार की पार्टी एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने विद्या की देवी मां सरस्वती के बारे में विवादित बयान दिया है। भुजबल ने कहा है कि मां सरस्वती की तस्वीर हर स्कूल में लगाई जाती है। जबकि उन्होंने हमें कभी नहीं पढ़ाया। भुजबल ने बयान में कहा कि अगर सरस्वती ने पढ़ाया भी होगा, तो महज 3 फीसदी आरएसएस के लोगों को ही शिक्षा दी होगी। हमें दूर रखा। उन्होंने कहा कि स्कूलों से मां सरस्वती की तस्वीरें हटा देनी चाहिए। उनकी पूजा क्यों करनी है। एनसीपी नेता ने कहा कि स्कूलों में सावित्री बाई फुले, ज्योतिबा फुले, आंबेडकर और शाहूजी महाराज की तस्वीरें लगानी चाहिए। इनकी वजह से ही हमें शिक्षा और अधिकार मिले हैं।

बता दें कि छगन भुजबल किसी जमाने में शिवसेना के फायरब्रांड नेता माने जाते थे। वो तब हिंदुत्व के मुद्दे पर खूब बयान देते थे। बाद में शिवसेना के तत्कालीन सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे से छगन भुजबल की अनबन हो गई। इसके बाद उन्होंने शिवसेना छोड़ दी और बाद में शरद पवार के साथ हाथ मिलाकर एनसीपी में शामिल हो गए। छगन भुजबल ने बीते दिनों अपनी पार्टी के कई नेताओं और शिवसेना सांसद संजय राउत को जेल भेजे जाने के विरोध में भी बयान दिए थे।

ram kadam

मां सरस्वती के बारे में छगन भुजबल के विवादित बयान पर बीजेपी ने निशाना साधा है। महाराष्ट्र में बीजेपी के विधायक राम कदम ने कहा है कि अभी तो भुजबल ने स्कूलों से देवी-देवताओं की तस्वीरें उतारने की बात कही है। आगे चलकर वो कह सकते हैं कि मंदिरों की जरूरत ही क्या है। राम कदम ने भुजबल से माफी की मांग की। उन्होंने कहा कि जब चुनाव आएगा, तो ये सारे नेता ही मंदिरों में माथा टेकते नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि देवी-देवताओं का अपमान हम सहन नहीं कर सकते। हमारे मन में महापुरुषों के लिए भी सम्मान है।