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‘Chamchagiri’ comment sparks row: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर विवादित बयान दे बुरे फंसे उदित राज, NCW ने लिया सख्त एक्शन

नई दिल्ली। NCW issues notice to congress leader Udit Raj: कांग्रेस के नेता उदित राज का नाम भी राष्ट्रपति मुर्मू के नाम के साथ जुड़ गया है। दरअसल द्रोपदी मुर्मू पर ‘गुजरात नमक’ वाला बयान देने वाले कांग्रेस नेता उदित राज अब महिला आयोग के फंदे में बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं।

नई दिल्ली। देश की राजनीति में एक बड़ा नाम कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कुछ समय पहले देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर एक विवादित बयान दिया था। इसके बाद उनकी देश भर में आलोचना हुई। अब एक बार फिर कांग्रेस के नेता उदित राज का नाम भी राष्ट्रपति मुर्मू के नाम के साथ जुड़ गया है। दरअसल द्रोपदी मुर्मू पर ‘गुजरात नमक’ वाला बयान देने वाले कांग्रेस नेता उदित राज अब महिला आयोग के फंदे में बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं। इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने तुरंत संज्ञान लिया है। आयोग ने उदित राज पर कड़ा एक्शन लेने की बात कही है।

बता दें राष्ट्रीय महिला आयोग अब द्रौपदी मुर्मू के संबंध में दिए गए बयान को लेकर उदित राज को नोटिस भेजेगा। वहीं उदित राज ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर अपने बयान पर सफाई दी है।

उदित 

उदित राज ने ट्वीट कर दी सफाई

कांग्रेस नेता उदित राज ने ट्वीट किया, “मेरा बयान द्रौपदी मुर्मू जी के लिऐ निजी है, कांग्रेस पार्टी का नहीं है. मुर्मू जी को उम्मीदवार बनाया व वोट मांगा आदीवासी के नाम से, राष्ट्रपति बनने से क्या आदिवासी नहीं रहीं? देश की राष्ट्रपती हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी. रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं और फिर चुप.”

इसके बाद उदित राज यहीं नहीं रुके, उन्होंने लगातार एक के बाद एक दो ट्वीट और किए. उन्होंने आगे लिखा, “द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपती के तौर पर पूरा सम्मान है. वो दलित – आदिवासी की प्रतिनिधि भी हैं और इन्हें आधिकार है अपने हिस्से का सवाल करने का. इसे राष्ट्रपती पद से न जोड़ा जाए.”

क्या था उदित राज का बयान ?

गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस नेता उदित राज ने ट्वीट कर लिखा था, “द्रौपदी जैसी राष्ट्रपति किसी देश को ना मिले। ये चमचागिरी की हद है. ये कहती हैं कि 70 प्रतिशत लोग गुजरात का नमक खाते हैं। ये खुद नमक खाकर जिंदगी जिए तो पता चलेगा।” अब अपने इन्हीं बयानों के चलते उनपर महिला आयोग के एक्शन की गाज गिरने वाली है। महिला आयोग ने साफ तौर पर मामले लो संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की है।