नई दिल्ली। नीट यूजी 2024 परीक्षा को लेकर पिछले कई दिनों से मचे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना निर्णय सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं कराने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं है कि नीट-यूजी परीक्षा और उसका परिणाम पूरी तरह से प्रभावित है। कोर्ट ने कहा कि दोबारा परीक्षा कराए जाने का असर इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा, इसलिए हम यह आदेश नहीं दे सकते।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूंड़ ने हालांकि नीट परीक्षा का रिजल्ट फिर से घोषित करने को कहा है। ऐसा क्वांटम फिजिक्स के पेपर में पूछे गए उस सवाल को लेकर हुआ है जिसके 2 सही जवाब थे। कोर्ट ने कल ही इस संबंध में आईआईटी दिल्ली से एक्सपर्ट की राय मांगी थी। बेंच ने आईआईटी दिल्ली के निदेशक से 3 विशेषज्ञों की कमेटी बना कर सही जवाब तय करने को बोला था। कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों के मुताबिक उस प्रश्न के ऑप्शन नंबर 4 को सही मानकर दोबारा रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है। इससे लाखों छात्रों की रैंकिंग पर असर पड़ेगा।
सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि हम मानते हैं कि परीक्षा का पेपर हजारीबाग और पटना में लीक हुआ था, इस पर कोई विवाद नहीं है। सीबीआई के मुताबिक पेपर लीक की वजह से 155 छात्र हैं जिन्हें इसका फायदा मिला है। सीबीआई की जांच अभी अधूरी है। सुप्रीम कोर्ट बेंच ने कहा कि दागी छात्रों को बाकी छात्रों से अलग किया जा सकता है। यदि जांच में यह पता चलता है कि लाभार्थियों की संख्या और अधिक है तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी स्तर पर ऐसे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो छात्र पेपर लीक धोखाधड़ी में शामिल पाया जाएगा या जिसको भी इसका लाभ मिला होगा उसे एडमीशन नहीं दिया जाएगा।