
बेंगलुरु। मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण MUDA मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्धारामैया की मुश्किल में इजाफा हो सकता है। प्रदीप कुमार नाम के व्यक्ति ने सिद्धारामैया और अन्य लोगों पर मुडा के कथित जमीन घोटाला मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप लगाकर शिकायत की है। प्रदीप कुमार ने शिकायत में सीएम सिद्धारामैया के बेटे यतींद्र सिद्धारामैया के बेटे का नाम भी लिया है। प्रदीप कुमार ने मुडा मामले में सबूत नष्ट करने का केस दर्ज करने की मांग की है।
सिद्धारामैया, उनकी पत्नी पार्वती, बेटे और अन्य पर मुडा जमीन घोटाला करने का आरोप लगा है। इस मामले में जांच चल रही है। सिद्धारामैया लगातार कह रहे हैं कि उन्होंने मुडा जमीन घोटाला नहीं किया। वहीं, उनकी पत्नी ने मुडा को चिट्ठी लिखकर खुद को मिले 14 प्लॉट सरेंडर करने की बात भी कही है। आरोप ये है सिद्धारामैया की पत्नी पार्वती की 3 एकड़ 16 गुंटा जमीन मुडा ने ली थी। ये सारी जमीन पार्वती सिद्धारामैया को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में बतौर उपहार दी थी। आरोप ये लगा है कि मुडा ने ये जमीन अधिग्रहित किए बगैर ही एक योजना विकसित कर दी। जिसमें महंगे वाले 14 प्लॉट सिद्धारामैया की पत्नी को दिए।
वहीं, पार्वती ने जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा मांगा। जिस पर मुडा ने विजयनगर फेज 3 और फेज 4 में 14 प्लॉट पार्वती सिद्धारामैया को अलॉट कर दिया। कर्नाटक सरकार की 50:50 योजना के तहत मुडा पर 38284 वर्ग फीट जमीन पार्वती सिद्धारामैया को अलॉट करने का आरोप है। मुडा ने इस योजना के तहत जमीन गंवाने वालों को विकसित जमीन का 50 फीसदी हकदार बनाया था। ये योजना 2009 में लागू हुई थी और 2020 में बीजेपी सरकार ने इसे बंद कर दिया था। हालांकि, खास बात है कि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार के दौरान 2021 में सिद्धारामैया की पत्नी पार्वती को ये 14 प्लॉट आवंटित हुए थे। सवाल ये है कि जब योजना ही बंद हो गई, तो 14 प्लॉट का आवंटन आखिर कैसे किया गया? बीजेपी और जेडीएस का आरोप है कि मुडा ने सिद्धारामैया की पत्नी को जमीन देने में अनियमितता की है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि विजयनगर में जो प्लॉट सिद्धारामैया की पत्नी को मुडा ने दिए, उनका बाजार मूल्य अधिग्रहित की गई जमीन से बहुत ज्यादा है। मुआवजे की वैधता पर भी विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं।