
लखनऊ। यूपी के सीएम योगी से जुड़े गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी के बारे में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासा ये है कि वो आईआईटी बॉम्बे में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही कट्टर होता जा रहा था। मुर्तजा से पूछताछ चल रही है। सूत्रों ने बताया कि एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि पढ़ाई के दौरान मुर्तजा जब भी किसी आंतकी के मारे जाने की खबर पढ़ता, तो वो दुखी हो जाता। वहीं, उसके घरवालों ने यूपी के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड UPATS को बताया है कि मुर्तजा कनाडा जाने की तैयारी कर रहा था। उनका कहना है कि शायद इसी वजह से उसने खाड़ी देश में किसी एजेंट को रकम भेजी होगी।
हालांकि, यूपीएटीएस को मुर्तजा के घरवालों की ये दलील समझ नहीं आ रही है। इसकी वजह ये है कि कनाडा का वीजा हासिल करने के लिए खाते में कम से कम 28 लाख रुपए होने चाहिए। इतनी रकम मुर्तजा के खाते में नहीं थी। एटीएस मानकर चल रही है कि वो सीरिया या खाड़ी के किसी देश जाना चाहता था। सूत्रों के मुताबिक हर एंगल से जांच जारी है और जल्दी ही खुलासा हो जाएगा। मुर्तजा का पासपोर्ट 2013 में बना था। वो 2015 में पिता मुनीर अब्बासी के साथ उमरा करने सऊदी अरब भी गया था। एटीएस अब उसकी सभी विदेश यात्राओं की भी पड़ताल कर रही है।
मुर्तजा पर खुफिया एजेंसियों और एटीएस की पहले से नजर थी। उसने साल 2012 से 2015 के बीच नेपाल के कुछ लोगों के जरिए सीरिया रकम भेजी थी। 2020-21 में भी उसने इसी रास्ते 8 लाख रुपए सीरिया भेजे थे। इसके बाद से ही खुफिया एजेंसियां उस पर नजर रख रही थीं। 2 अप्रैल को एटीएस के लोग वकील के वेश में उसके घर पहुंचे, लेकिन वो नहीं मिला। मुर्तजा को जब इसका पता चला, तो वो घर से भाग निकला और 3 अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर के बाहर पीएसी जवानों से रायफल छीनने की कोशिश की और धारदार हथियार से हमला कर 2 जवानों को घायल कर दिया।