newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

नई संसद और मध्य प्रदेश के विजय मंदिर में अद्भुत समानता, औरंगजेब ने यहां बरसाये थे गोले….

New Parliament Building: विदिशा(Vidisha) में विजय मंदिर(Vijay Mandir) का निर्माण चालुक्य वंशी राजा कृष्ण के प्रधानमंत्री वाचस्पति ने करवाया था। जिसे बाद में मुगल बादशाह औरंगजेब ने इस मंदिर पर हमला करके इसे तोड़ दिया था।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन के लिए भूमिपूजन किया था। ऐसे में इस नए संसद भवन को लेकर सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसको लेकर कहा जा रहा है कि, भारत का नया संसद भवन (Parliament of India) मध्य प्रदेश के विदिशा में स्थित विजय मंदिर (Vijay Temple) की तरह बनाया जा रहा है। इन दोनों की तुलना करने वाली एक फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। बता दें कि जहां कई यूजर्स ने इस फोटो के साथ लिखा कि भारत का नया संसद भवन अमेरिका के पेंटागन की तरह है, वहीं कई दूसरे यूजर्स इसको विदिशा के विजय मंदिर की नकल भी बता रहे हैं। हालांकि नए संसद भवन को गौर से देखें तो ये इसका मॉडल देखने में हूबहू विदिशा के विजय मंदिर की तरह लगता है। दरअसल देश को मिलने जा रहा नया संसद भवन और विजय मंदिर दोनों की आकृति त्रिभुजाकार है। ऐसे में दोनों की तुलना सोशल मीडिया पर की जा रही है। ऊपर से देखने पर विजय मंदिर और भारत का नया संसद भवन एक जैसे ही लगते हैं।

Vidisha Vijay temple

बता दें कि विदिशा में विजय मंदिर का निर्माण चालुक्य वंशी राजा कृष्ण के प्रधानमंत्री वाचस्पति ने करवाया था। जिसे बाद में मुगल बादशाह औरंगजेब ने इस मंदिर पर हमला करके इसे तोड़ दिया था। विजय मंदिर की विशेषता उसकी विशालता और प्रसिद्धि थी, ऐसे में इन कारणों से ये मंदिर मुस्लिम बादशाहों की आंखों में गढ़ता रहा। इसी का नतीजा रहा कि औरंगजेब ने तोप लगवाकर इस मंदिर को उड़ा दिया था।

बता दें कि इस मंदिर को आक्रमणकारियों ने कई बार लूटा और तोड़ा। लेकिन श्रद्धालुओं द्वारा हर बार इसका पुनर्निर्माण किया गया आज के दौर में इस मंदिर के साफ सफाई की एएसआई के पास है। बता दें कि पुरातत्व विभाग को विजय मंदिर के पास खनन के दौरान कीर्तिमुख भी मिले हैं। मनुष्य या सिंहों की मुंह की आकृति को उकेर कर पत्थर पर जो नक्काशी की जाती है और बेल-बूटे बनाए जाते हैं, उसे कीर्तिमुख कहते हैं।

वहीं नए संसद भवन के निर्माण की बात करें तो यह पुराने संसद भवन से 17,000 वर्गमीटर बड़ा होगा। वहीं इसे 971 करोड़ रुपये की लागत से 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। इसके निर्माण कार्य का ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया है। नए संसद भवन में लोकसभा सदस्यों के लिए लगभग 888 सीटें होंगी तो वहीं राज्यसभा सदस्यों के लिए 326 से अधिक सीटें होंगी। लोकसभा हॉल की क्षमता 1224 सदस्यों की होगी।

New building parliament MODI

लोकसभा और राज्यसभा कक्षों के अलावा इस भवन में एक भव्य संविधान कक्ष होगा। जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्पले आदि होंगे। आगंतुकों को जाने की सुविधा को लेकर संविधान कक्ष में सुविधा रहेगी जिससे वे संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत की यात्रा के बारे में जान सकें।