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Central Vista: नया संसद भवन बन गया, अब जानिए दिल्ली के सेंट्रल विस्टा में और क्या बनेगा और किसका मिटेगा नामोनिशां

नए संसद भवन का आज उद्घाटन हो गया। इस संसद भवन के ठीक पीछे पुराना संसद भवन है। नया संसद भवन मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा’ प्रोजेक्ट का हिस्सा है। अभी सेंट्रल विस्टा में कई और इमारतें बनाई जानी हैं। इसके अलावा पुरानी तमाम इमारतों को नए काम के लिए इस्तेमाल किया जाना है।

नई दिल्ली। नए संसद भवन का आज उद्घाटन हो गया। इस संसद भवन के ठीक पीछे पुराना संसद भवन है। नया संसद भवन मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा’ प्रोजेक्ट का हिस्सा है। अभी सेंट्रल विस्टा में कई और इमारतें बनाई जानी हैं। इसके अलावा पुरानी तमाम इमारतों को नए काम के लिए इस्तेमाल किया जाना है। सेंट्रल विस्टा में राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक, इंडिया गेट, रेल भवन, वायु भवन, वॉर मेमोरियल और हैदराबाद हाउस आते हैं। इन सभी में कोई बदलाव न कर सिर्फ इनको नए काम के लिए इस्तेमाल करने की सरकार की योजना है। इसके अलावा नए भवन में अब उप राष्ट्रपति का आवास, प्रधानमंत्री का आवास, सेंट्रल सेक्रेटेरियट बनाए जाने हैं।

rashtrapati bhawan

जिन पुरानी इमारतों में कोई बदलाव नहीं किया जाना है, उनमें से नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को राष्ट्रीय स्तर के म्यूजियम में बदल दिया जाएगा। पुराने संसद भवन को भी म्यूजियम बनाया जाएगा और इसे पुरातात्विक धरोहर के तौर पर संरक्षित किया जाना है। जामनगर हाउस में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र होगा। इसके अलावा सेंट्रल विस्टा में आने वाले नेशनल म्यूजियम, मौजूदा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, उप राष्ट्रपति के आवास, उद्योग भवन, जवाहर भवन, विज्ञान भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन, रक्षा भवन और शास्त्री भवन को गिराए जाने की योजना है। इनकी जगह पार्क और अन्य जरूरी भवन बनाए जाएंगे।

india gate

सेंट्रल विस्टा राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के इलाके को कहा जाता है। इसे साल 1911 में बनाना शुरू किया गया था। यहां पर रायसीना पहाड़ी थी। कोलकाता (तब कलकत्ता) से अंग्रेज जब दिल्ली में राजधानी लाए, तो उन्होंने इसी जगह राष्ट्रपति भवन (तब वायसरॉय हाउस) समेत दफ्तर बनाने का फैसला किया। दिसंबर 1911 में ब्रिटिश सम्राट किंग जॉर्ज पंचम दिल्ली आए और उन्होंने इसका एलान किया। इसके बाद सेंट्रल विस्टा को बनाने का काम मशहूर आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को मिला। इस वजह से यहां का एक और नाम लुटियंस जोन भी है।