
नई दिल्ली। आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय संसद ने आज आधिकारिक तौर पर अपनी कार्यवाही को एक नए भवन में स्थानांतरित कर दिया। नए संसद भवन का उद्घाटन इस साल की शुरुआत में मई में हुआ था और अब, 19 सितंबर, 2023 को परिवर्तन औपचारिक हो गया है। लोकसभा सचिवालय ने इस महत्वपूर्ण कदम के संबंध में एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की, जो देश के विधायी इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
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राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ‘”…राज्यसभा में हमारे पास बहुमत नहीं था लेकिन हमें विश्वास था कि राज्यसभा राजनीतिक सोच से ऊपर उठेगी और देश के हित में फैसले लेगी। आपकी (सांसदों की) परिपक्वता के कारण, हम ऐसा करने में सक्षम हुए।”
#WATCH | In the Rajya Sabha of the new Parliament building, PM Narendra Modi says, “…we did not have a majority in the Rajya Sabha but we were confident that the Rajya Sabha would rise above political thinking and take decisions in the interest of the country. Because of your… pic.twitter.com/1uxql7s3u8
— ANI (@ANI) September 19, 2023
राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि, ‘”आज का दिन यादगार होने के साथ-साथ ऐतिहासिक भी है..
#WATCH | In the Rajya Sabha of the new Parliament building, PM Narendra Modi says, “Today is a memorable as well as a historic day…” pic.twitter.com/fxjHzuTN1Y
— ANI (@ANI) September 19, 2023
विपक्ष के भारी हंगामे के बीच 20 सितंबर तक के लिए लोकसभा स्थगित कर दिया गया है। अब इस बिल पर कल विस्तारपूर्वक चर्चा होगी।
Lok Sabha adjourned till 20th September. pic.twitter.com/wopn6M9NeU
— ANI (@ANI) September 19, 2023
वहीं, नारी शक्ति अधिनियम बिल पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि, ‘यह बिल महिला सशक्तिकरण के संबंध में है। संविधान के अनुच्छेद 239AA में संशोधन करके, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) दिल्ली में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की जाएंगी। अनुच्छेद 330ए लोक सभा में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण…”
#WATCH | In the Lok Sabha of the new Parliament building, Union Law Minister Arjun Ram Meghwal says “This bill is in relation to women empowerment. By amending Article 239AA of the Constitution, 33% of seats will be reserved for women in the National Capital Territory (NCT) of… pic.twitter.com/BpOMzt1ydW
— ANI (@ANI) September 19, 2023
महिला आरक्षण बिल के तहत विधानसभा की 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसके अलावा लोकसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा। यानी 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। साथ ही दिल्ली विधानसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा।
अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया महिला आरक्षण बिल
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नारी शक्ति अधिनियम बिल पेश किया। यह बिल पेश होते ही विपक्ष की ओर से हंगामा शुरू हो गया।
#WATCH | In the Lok Sabha of the new Parliament building, Union Law Minister Arjun Ram Meghwal tables the Women’s Reservation Bill in Lok Sabha. pic.twitter.com/cRQMhbDdzI
— ANI (@ANI) September 19, 2023
महिलाओं के आरक्षण पर क्या बोले पीएम मोदी
नए संसद भवन के उद्घाटन पर एक ऐतिहासिक संबोधन में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर की घोषणा की। उन्होंने कहा, “कल ही कैबिनेट ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी। आज, 19 सितंबर को, हम इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करने की कगार पर हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व की भूमिका निभा रही हैं। और यह जरूरी है कि हमारी नीतियां हमारी माताओं, बहनों और बेटियों के अमूल्य योगदान को प्रतिबिंबित करें। उन्हें न केवल योगदान देना चाहिए, बल्कि महत्वपूर्ण भूमिका भी निभानी चाहिए।”
सभी क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाना है
प्रधानमंत्री ने नीति निर्माण में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी संसद सदस्यों से सामूहिक रूप से नवनिर्मित संसद भवन में देश की महिला कार्यबल के लिए नए दरवाजे खोलने का आग्रह किया। मोदी ने कहा, “जैसा कि हम इस महत्वपूर्ण निर्णय पर आगे बढ़ रहे हैं, हमारी सरकार एक ऐतिहासिक संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश कर रही है, जिसका उद्देश्य लोकसभा और विधानसभा दोनों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना है। महिला सशक्तिकरण अधिनियम हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा।”
परिवर्तन लागू करने की प्रतिज्ञा
प्रधानमंत्री मोदी ने महिला सशक्तिकरण अधिनियम के शीघ्र पारित होने पर देश की माताओं, बहनों और बेटियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने उन्हें इस विधेयक के प्रावधानों को साकार करने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
प्रगति और विकास के प्रति समर्पण
अटूट संकल्प के साथ, प्रधान मंत्री मोदी ने एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया जो महिलाओं को देश की प्रगति में नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित करे। उन्होंने कहा, “यह विधेयक सिर्फ एक विधायी उपाय नहीं है; यह हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने और हमारे समाज में महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने का संकल्प है। यह प्रत्येक नागरिक की प्रगति और विकास के लिए हमारे सामूहिक समर्पण का एक प्रमाण है।”
आज के दिन का ऐतिहासिक महत्व
19 सितंबर का दिन हमेशा भारतीय इतिहास के इतिहास में एक ऐसे दिन के रूप में अंकित रहेगा जब सरकार ने महिलाओं के लिए समान प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया था। प्रगति और समावेशिता का प्रतीक नया संसद भवन इस परिवर्तनकारी प्रयास की दिशा में पहली विधायी कार्रवाई का गवाह बनेगा।
- संसद दलहित नहीं बल्कि देशहित के लिए होती है
- आज दुनिया महिलाओं की ताकत को समझ रही है
- हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रही है
- सेंगोल हमारे प्रेरणा का कारण बन रहा
- अभी चुनाव तो दूर हैं और जितना समय हमारे पास बचा है संसद के इस मौजूदा कार्यकाल में। मैं पक्का मानता हूं कि यहां जो व्यवहार करेगा, यह निर्धारत करेगा कि कौन यहां बैठेगा, कौन वहां बैठेगा। जो वहां बैठे रहना चाहता है, उसका व्यवहार क्या होगा, इसका फर्क आने वाले समय में देश देखेगा।’
- पैदल चलते हुए नए संसद भवन पहुंचे PM मोदी और सभी सांसद
- स्पीकर ओम बिड़ला इस समय संसद में भाषण दे रहे हैं, उन्होंने सभी सांसदों नई संसद की बधाई दी है।
- प्रधानमंत्री मोदी का नई संसद भवन में अभी भाषण आरंभ हो चुका है। उन्होंने सबसे पहले देश को चंद्रयान-3 की सफलता के लिए बधाई दी। इसके साथ उन्होंने कहा कि यह अवसर कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
- अतीत की हर कड़वाहट को बुलाकर आगे बढ़ाना है। नई संसद भवन में पीएम मोदी दे रहे हैं ऐतिहासिक भाषण
- आधुनिक भारत के प्रतीक नए संसद भवन का प्रारंभ
- नए संकल्प के साथ नया भविष्य तलाश रहा भारत
- पीएम मोदी ने G20 की सफलता के लिए दी बधाई
- संसद का भवन बदला है, अब भाव भी बदलना चाहिए
- तिलक जी का आजादी के आंदोलन में विशेष महत्व
- यह आजादी के अमृत काल का उषा काल है
- तिलक जी ने पूरे देश में स्वराज की भावना को जगाया
- व्यवहार तय करेगा कि कौन कहां पर बैठेगा