नई दिल्ली। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन के एक प्रमुख आतंकी-वित्तपोषण मॉड्यूल का पदार्फाश शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने की। मुख्य आरोपी को सिरसा (हरियाणा) से गिरफ्तार किया गया है। इस मॉड्यूल को पाकिस्तान से सेंधा नमक का आयात करने के साथ भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी के माध्यम से चलाया जा रहा था। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एनआईए द्वारा मिली विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर मुख्य आरोपी रणजीत सिंह (जिसे राणा या चीता भी कहा जाता है) को उसके पिता हरभजन सिंह और भाई गगनदीप सिंह के साथ एनआईए, पंजाब पुलिस और हरियाणा पुलिस के एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया।
रणजीत, दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा के नोवागाम निवासी हिलाल अहमद वागे द्वारा चलाए जा रहे हिजबुल आतंकी-वित्तपोषण मॉड्यूल में शामिल था। वागे ने आतंकवादी गतिविधियां चलाने के लिए 29 लाख रुपये लिए थे। उसे 25 अप्रैल को अमृतसर में गिरफ्तार किया गया था। जांच में आगे पता चला कि अमृतसर के गुरु अमरदास एवेन्यू से विक्रम सिंह (उर्फ विक्की) ने हिलाल को पैसा पहुंचाया था। बिक्रम को उसके भाई मनिंदर सिंह (मणि) के साथ इस सप्ताह की शुरुआत में 5 मई को गिरफ्तार किया गया था।
Following up further on arrests of Hizbul operatives in J&K & Punjab, Punjab Police juggernaut moved further to nab Ranjeet @Rana @Cheeta of Amritsar, one of the biggest drug smugglers of India from Sirsa today.
Cheeta was wanted in 532 kg heroin haul from Attari in June 2019. pic.twitter.com/tB9D01OtRa
— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) May 9, 2020
सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि हिलाल अहमद वागे को दिया गया पैसा इकबाल सिंह (शेरा) और रणजीत सिंह द्वारा दिया गया था। ये दोनों फरार आरोपियों को पिछले साल अटारी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) से 532 किलोग्राम हेरोइन की तस्करी करने का आरोप था। एक अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की बात कही और बताया, “यह मामला साफतौर पर नार्को-टेरर फाइनेंसिंग एंगल को दर्शाता है।” वहीं जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग की जांच में एनआईए सबसे आगे रही है।
नशीले पदार्थों को पाकिस्तान से आयातित सेंधा नमक की खेप में छिपाया गया था। पिछले साल 29 जून को अटारी में सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा इसकी जब्ती की गई थी।
जांच में पाया गया है कि जब्त की गई ड्रग्स की खेप उन पांच खेपों का हिस्सा थी, जिनमें से चार को भारत में सफलतापूर्वक तस्करी कर लाया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि पाकिस्तान स्थित संस्थाएं पाकिस्तान से आयातित सेंधा नमक की बोरियों में नशीले पदार्थ छिपाकर भारतीय क्षेत्र में इनकी तस्करी कर रही हैं। एक अधिकारी ने कहा, “यह आयातकों, सीमा शुल्क घर एजेंटों, ट्रांसपोर्टरों के एक विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है और इस तरह के अवैध चैनलों के माध्यम से ऑपरेशन को वित्तपोषित किया जाता है।”
उन्होंने कहा कि इस मामले में पाकिस्तान और अफगानिस्तान आधारित संस्थाओं की संलिप्तता ने इस बात का संकेत दिया है कि पूरा ऑपरेशन अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में सक्रिय आतंकी नेटवर्क के लिए पैसे का इंतजाम करता है। पिछले साल 27 दिसंबर को इस मामले में पहली चार्जशीट एनआईए ने रणजीत और चार कंपनियों सहित 15 आरोपियों के खिलाफ मोहाली की एक विशेष अदालत में पेश की थी।
सूत्रों ने बताया कि कुख्यात ड्रग तस्कर, रणजीत, मूल रूप से गांव हवेलियन, जिला तरनतारन का निवासी है। वह दर्शन एवेन्यू, राम तीरथ रोड, अमृतसर में रह रहा है। एनआईए के आरोपपत्र के अनुसार, वह अपने पांच भाइयों के साथ तस्करी और ड्रग्स के व्यापार में शामिल है। उनके दो भाई कुलदीप सिंह (बबलू) और बलविंदर सिंह (बिल्ला) भी नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के मामलों में जेल में हैं। रणजीत के साथ उसके अन्य तीन भाई, मनदीप सिंह (मक्का), स्वर्ण सिंह (भोला) और गगनदीप सिंह (नोना) फरार थे।