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Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा ने अपने वकील से पूछा- कितने दिन चलेगा मुकदमा?, एनआईए उससे पश्चिमी यूपी के दौरे का राज खुलवाने की तैयारी में

Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा पश्चिमी यूपी में मेरठ और आगरा गया था। उसके साथ एक महिला थी। जिसके बारे में तहव्वुर का कहना है कि वो उसकी पत्नी है। अब एनआईए ये भी जानना चाहती है कि तहव्वुर राणा आखिर मेरठ और आगरा क्यों गया था? एनआईए को शक है कि लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल से मुलाकात के इरादे से ही तहव्वुर राणा ने पश्चिमी यूपी का दौरा किया था। तहव्वुर राणा पूछताछ के दौरान सवालों पर टालमटोल कर रहा है। जिसकी वजह से दिक्कत हो रही है।

नई दिल्ली। मुंबई में 26/11 के भीषण आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से दिल्ली में एनआईए पूछताछ कर रही है। उससे ढेरों सवाल पूछे जा रहे हैं। तहव्वुर राणा से शुक्रवार को एनआईए के अफसरों ने पहली बार पूछताछ की थी। उस दौरान तहव्वुर राणा ने सिर्फ इतना माना कि मुंबई में हमलों की जगहों की रेकी करने वाले डेविड कोलमैन हेडली को पहचानता है। बाकी सवालों को वो बीमार हूं, पता नहीं, याद नहीं कहकर टालता गया। इस बीच, ताजा जानकारी ये भी है कि तहव्वुर राणा जब मुंबई आतंकी हमले से पहले भारत आया था, तब वो महाराष्ट्र की राजधानी के अलावा पश्चिमी यूपी भी गया था।

एनआईए की गिरफ्त में तहव्वुर राणा की फोटो।

 

तहव्वुर राणा पश्चिमी यूपी में मेरठ और आगरा गया था। उसके साथ एक महिला थी। जिसके बारे में तहव्वुर का कहना है कि वो उसकी पत्नी है। अब एनआईए ये भी जानना चाहती है कि तहव्वुर राणा आखिर मेरठ और आगरा क्यों गया था? एनआईए को शक है कि लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल से मुलाकात के इरादे से ही तहव्वुर राणा ने पश्चिमी यूपी का दौरा किया था। एनआईए सूत्रों के हवाले से अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने ये खबर भी दी है कि तहव्वुर राणा ने अपने वकील से गुरुवार की रात ये पूछा था कि क्या उसका ट्रायल एक साल में खत्म हो जाएगा? इस पर वकील ने उसे बताया कि एक साल तो चार्जशीट दाखिल होने में ही लगेंगे और पूरा मुकदमा खत्म होने में 5 से 10 साल तक लग सकते हैं।

तहव्वुर राणा को डेविड कोलमैन हेडली के बयान के आधार पर अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का है। वो कनाडा जाकर वहां का नागरिक बना। फिर अमेरिका में ट्रैवेल एजेंसी खोली। इसी ट्रैवेल एजेंसी के जरिए तहव्वुर राणा ने डेविड कोलमैन हेडली को भारत का वीजा दिलवाया और उसे 8 बार मुंबई भेजकर हमलों वाले जगहों की रेकी करवाई। मुंबई में साल 2008 में हुए सबसे भयानक आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 10 आतंकियों में से कसाब को ही जिंदा पकड़ा जा सका था। उसे बाद में फांसी हुई थी।