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NIA Raids On PFI: प्रतिबंधित पीएफआई के खिलाफ एनआईए का बड़ा एक्शन, दिल्ली और यूपी समेत कई राज्यों में ताबड़तोड़ छापे

पीएफआई की भारत विरोधी गतिविधियां कई साल से जारी थीं। बिहार में पुलिस ने पीएफआई के एक ठिकाने पर 2022 में छापा मारा था। वहां से 8 पेज का एक दस्तावेज बरामद हुआ था। इस दस्तावेज से पीएफआई की भारत विरोधी साजिश का खुलासा हुआ था। जिसके बाद इसे प्रतिबंधित किया गया था।

नई दिल्ली। प्रतिबंधित कट्टरवादी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है। एनआईए की तमाम टीमों ने आज सुबह दिल्ली के बल्लीमारान, यूपी और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापे मारे हैं। पीएफआई पर पिछले साल केंद्र सरकार ने बैन लगा दिया था। पीएफआई पर भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने और हिंसा भड़काने की साजिश रचने का आरोप है। उसके तमाम नेता और सदस्य पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। एनआईए के ताजा छापों में पीएफआई की रीढ़ तोड़ने का काम किया जा रहा है।

popular front of india pfi

बैन लगने के बाद भी तमाम बार पीएफआई के सदस्य और कुछ स्थानीय नेता भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाते रहे हैं। इनको एनआईए ने गिरफ्तार भी किया है। पीएफआई की भारत विरोधी गतिविधियां कई साल से जारी थीं। बिहार में पुलिस ने पीएफआई के एक ठिकाने पर 2022 में छापा मारा था। वहां से 8 पेज का एक दस्तावेज बरामद हुआ था। इस दस्तावेज से पीएफआई की भारत विरोधी साजिश का खुलासा हुआ था। दस्तावेज में बताया गया था कि पीएफआई साल 2047 तक भारत को इस्लामी मुल्क में बदलना चाहता है। इसके लिए अपने सदस्यों को वो हथियार चलाने और हिंसा करने की ट्रेनिंग भी दे रहा था।

pfi members arrested in bihar
बिहार में इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद पीएफआई की भारत विरोधी साजिश का पर्दाफाश हुआ था।

पीएफआई का ये दस्तावेज सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने एनआईए को जांच का जिम्मा सौंपा था। एनआईए ने लगातार दो बार कई राज्यों में छापे मारे थे और पीएफआई के नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया था। पीएफआई के इन लोगों के पास से भारत विरोधी दस्तावेज और हथियार वगैरा बरामद किए गए थे। एनआईए के छापों में जिस तरह के खतरनाक इरादे वाले सबूत मिले, उसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इस कट्टरपंथी इस्लामी संगठन को बैन करने का आदेश जारी किया था।