NIA Raids Gangsters: गैंगस्टर-खालिस्तान टेरर लिंक के खिलाफ एनआईए का बड़ा एक्शन, गोल्डी और लॉरेंस समेत कई के 122 ठिकानों पर छापे

गैंगस्टरों और खालिस्तानी आतंकियों के बीच रिश्तों की पड़ताल करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली से लेकर यूपी, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान और पंजाब तक आज 122 ठिकानों पर छापे मारे हैं। सूत्रों के मुताबिक गोल्डी बराड़, लॉरेंस बिश्नोई और नीरज बवाना समेत कई गैंगस्टरों के ठिकानों पर मारे गए हैं।

Avatar Written by: May 17, 2023 8:40 am
gangster goldy barar and lawrence bishnoi

नई दिल्ली। गैंगस्टरों और खालिस्तानी आतंकियों के बीच रिश्तों की पड़ताल करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली से लेकर यूपी, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान और पंजाब तक आज 122 ठिकानों पर छापे मारे हैं। सूत्रों के मुताबिक गैंगस्टर गोल्डी बराड़, लॉरेंस बिश्नोई और नीरज बवाना के ठिकानों पर मारे गए हैं। इनके अलावा अन्य गैंगस्टरों के ठिकानों पर भी एनआईए की छापेमारी चल रही है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब और चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा जगह छापे मारे गए हैं। इन दोनों जगह एनआईए ने गैंगस्टरों के 65 ठिकानों पर छापे मारे हैं।

gangster lawrence bishnoi
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (फाइल फोटो)

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली और एनसीआर में एनआईए ने 32 जगह छापे मारे हैं। वहीं, राजस्थान में 18 जगह जांच एजेंसी के अफसर पहुंचे। मध्यप्रदेश में 2 जगह एनआईए ने टेरर लिंक तलाशने के लिए छापेमारी की है। वहीं, यूपी में बरेली, लखीमपुर खीरी और प्रतापगढ़ में कई ठिकानों को अपने छापों की जद में लिया है। गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ एनआईए पहले भी छापे मार चुकी है। इस बार के छापे अब तक इनके खिलाफ हुए एक्शन में सबसे बड़े हैं। एनआईए का इरादा गैंगस्टरों और खालिस्तानी आतंकियों के बीच रिश्तों को छिन्न-भिन्न करना है।

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लॉरेंस बिश्नोई को एनआईए ने हिरासत में लेकर पूछताछ भी की थी। इस पूछताछ में लॉरेंस ने खालिस्तानी आतंकियों से हथियार और ड्रग्स डील संबंधी तमाम जानकारियां जांच एजेंसी से साझा की थी। लॉरेंस बिश्नोई का हाथ पंजाब में सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी सामने आया था। गोल्डी बराड़ भी मूसेवाला हत्याकांड में शामिल रहा है। इस हत्याकांड के बाद ही दोनों गैंगस्टरों के खालिस्तानी आतंकियों से रिश्ते होने का पता चला था। जिसके बाद एनआईए को जांच का जिम्मा केंद्र सरकार ने सौंपा था।